Lok Sabha Elections 2024: देश में कब लागू होगा UCC? अमित शाह ने कर दिया ऐलान, जानें वन नेशन-वन इलेक्शन पर क्या कहा
Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की राज्य विधानसभाओं और संसद को UCC पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और एक कानून बनाना चाहिए.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने UCC और वन नेशन-वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में लौटी तो विचार-विमर्श के बाद अगले पांच सालों के भीतर पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा.
अमित शाह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने अगले कार्यकाल में 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करेगी क्योंकि अब समय आ गया है कि देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं. उन्होंने आगे कहा कि एक साथ चुनाव कराने से लागत भी कम होगी.
क्या बदलेगा चुनाव का समय?
अमित शाह ने भीषण गर्मी में चुनाव कराए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हम इस पर विचार कर सकते हैं. अगर हम एक चुनाव समय से पहले करा लें तो ऐसा किया जा सकता है और ऐसा किया जाना चाहिए. यह छात्रों की छुट्टियों का समय भी है. इससे बहुत सारी समस्याएं भी पैदा होती हैं. समय के साथ लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे गर्मियों में स्थानांतरित हो गए."
देश में लागू होगा UCC
अमित शाह ने कहा, "देश की राज्य विधानसभाओं और संसद को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और एक कानून बनाना चाहिए. इसीलिए हमने अपने संकल्प पत्र में लिखा है कि बीजेपी का लक्ष्य पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना है. अगले पांच वर्षों के दौरान इसे लागू किया जाएगा.''
वन नेशन-वन इलेक्शन पर बोले अमित शाह
उन्होंने कहा कि हम एक देश, एक चुनाव के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी हरसंभव प्रयास करेंगे. इस पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने रामनाथ कोविंद समिति बनाई है. मैं भी इसका सदस्य हू. इसकी रिपोर्ट सौंप दी गई है. अब समय आ गया है कि देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं."
UCC एक जिम्मेदारी है- अमित शाह
समान नागरिक संहिता के बारे में अमित शाह ने कहा, ''UCC एक जिम्मेदारी है जिसे हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वतंत्रता के बाद से हम पर हमारी संसद पर और हमारे देश की राज्य विधानसभाओं पर छोड़ दिया है. संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए हैं. उनमें समान नागरिक संहिता भी शामिल है. उस समय के कानूनी विद्वानों ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होने चाहिए. समान नागरिक संहिता होनी चाहिए.''
बीजेपी के एजेंडे में पहले से शामिल रहा UCC- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने उत्तराखंड में एक प्रयोग किया है, जहां उसकी बहुमत की सरकार है, क्योंकि यह राज्य और केंद्र का विषय है. यूसीसी 1950 के दशक से ही बीजेपी के एजेंडे में रही है और हाल ही में इसे बीजेपी शासित उत्तराखंड में लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता एक बहुत बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार है. उत्तराखंड सरकार की ओर से बनाए गए कानून की सामाजिक और कानूनी जांच होनी चाहिए. धार्मिक नेताओं से भी सलाह ली जानी चाहिए.
यह भी पढ़ें- Lok Sabha Elections 2024: 'अच्छे-अच्छों की गर्मी उतारने में एक्सपर्ट हैं योगी', PM मोदी का सपा पर निशाना