Lok Sabha Elections 2024: सियासी गलियारों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर दिया गया बयान काफी सुर्खियों में रहा. सीएम केजरीवाल ने कहा था कि तीसरी बार सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी कुर्सी छीन लेंगे.
इस मामले पर एक वरिष्ठ पत्रकार ने दावा करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी के बीच कोई अदावत नहीं है. लल्लनटॉप के एक कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि साल 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अदावत को नकार दिया था. अमित शाह ने कहा था कि ऐसा कुछ भी नही हैं. लोग सिर्फ बात करते हैं.
उन्होंने बताया था कि मेरे और योगी आदित्यनाथ जी के बीच में ऐसी कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि हम लोग हर रोज बैठते हैं. अमित शाह ने कहा था कि आज भी हम आप लोगों से पहले मैं उनके साथ बैठा था और चुनाव को लेकर क्या रणनीति रहनी चाहिए. इस पर विस्तार पूर्वक बातचीत की थी.
BJP की हार्डकोर लाइन पर खरे उतरे योगी आदित्यनाथ
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं. सीएम योगी की पहचान एक फायर ब्रांड नेता के रूप में होती है. इस कारण ही बीजेपी का कोर वोटर हिंदू जो हिंदुत्व में विश्वास करता है वो योगी आदित्यनाथ को अपना अगला नेता मानता है. साथ ही हिंदुत्व की जो बीजेपी में हार्डकोर लाइन है, उसपर योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से खरे उतर रहे हैं.
फायरब्रांड नेता की छवि से बने UP के CM
सीएम योगी आदित्यनाथ की बात की जाए तो पूर्वांचल इलाके में उनका दबदबा किसी से छिपा नहीं है. पूर्वांचल में गोरखपीठ का कितना रसूख है, इससे हर कोई जानता है. जब बीजेपी 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में जीती तो रेस में सबसे आगे नाम था मनोज सिन्हा का लेकिन आखिर में बीजेपी आलाकमान ने मुहर लगाई योगी आदित्यनाथ के नाम पर.
कानून-व्यवस्था, गोकशी पर नकेल, अवैध बूचड़खानों पर रोक और अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलाने जैसे फैसलों ने जनता के बीच उन्हें और पॉपुलर बना दिया. कई बार सोशल मीडिया पर योगी फॉर पीएम जैसे हैशटैग भी ट्रेंड करते नजर आते हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी जीती तो पार्टी में योगी आदित्यनाथ का कद और बढ़ गया है.