BJP strategy before Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ा सियासी खेल किया है. भगवा दल ने महज 1 दिन के भीतर 3 अहम सियासी पार्टियों को साधा है. फिर चाहे उत्तर भारत का यूपी हो, महाराष्ट्र हो या दक्षिण भारत के तहत आने वाला आंध्र प्रदेश...इन सूबों में भाजपा ने फैलाव के लिए एड़ी-चोटी का जोर आजमाया है.
अटकले हैं कि राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राज ठाकरे और तेलुगु देसम पार्टी (टीडीपी) के एन चंद्रबाबू नायडू बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का दामन थाम सकते हैं. हालांकि, इनके संभावित गठजोड़ के बीच यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव को सर्वाधिक नुकसान की आशंका जताई जा रही है. ऐसा बताया गया कि जयंत चौधरी उनसे कन्नी काटकर नए साझेदार (बीजेपी) की ओर पूरा ध्यान देते दिखे हैं. आइए, समझते हैं समूची स्थितिः
NDA पर ध्यान या कुछ और? RLD चीफ ने कैंसिल किए 2 प्रोग्राम
जयंत चौधरी ने हाल में दो कार्यक्रम कैसंल किए. पहला प्रोग्राम 12 फरवरी, 2024 को पिता अजीत चौधरी की जयंती पर छपरौली में होना था. वहां अजीत चौधरी की 12 कुंटल वजनी आदमकद मूर्ति का लोकार्पण किया जाना था मगर बेटे ने इसे टाल दिया, जबकि दूसरा कार्यक्रम मथुरा में 4 फरवरी, 2024 को तय था. यह युवा सम्मेलन कार्यक्रम था जिसे नए समीकरणों को देखते हुए रद्द किया गया. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि जयंत चौधरी शायद नए साझेदार की ओर ऊर्जा लगाना चाहते हैं. ऐसे में उन्होंने फिक्स कार्यक्रम टाल दिए.
UP के बागपत-मथुरा से ताल ठोंक सकती है आरएलडी
इस बीच, सूत्रों की ओर से बताया गया कि जयंत चौधरी की आरएलडी एनडीए गठबंधन का हिस्सा हो सकती है. बीजेपी से उनकी 3 से 4 सीटों को लेकर बात चल रही है. एनडीए में आने पर उसे 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ाया जा सकता है. ये सीटें बागपत और मथुरा (दोनों ही यूपी में) हो सकती हैं, जबकि संसद के उच्च सदन राज्यसभा की एक सीट भी आरएलडी पा सकती है. अगर दोनों दलों के बीच सब कुछ ठीक रहा तो अगले 1-2 दिन में सब कुछ साफ हो जाएगा.
अखिलेश यादव से क्यों नाराज चल रहे जयंत चौधरी?
रालोद के मुखिया जयंत सिंह सपा प्रमुख के प्रस्ताव से फिलहाल खफा हैं. अखिलेश यादव के प्रस्ताव के हिसाब से सात सीटें रालोद ले ले मगर उसमें से चार सीटों पर सपा के प्रत्याशी ताल ठोंकेंगे. रालोद का पार्टी कैडर सपा से इसलिए भी खफा है क्योंकि अखिलेश यादव का दल कैराना और मुजफ्फरनगर सीट से रालोद के चुनाव चिह्न पर उतारना चाहता है. यह भी कहा गया कि इसे मसले को लेकर जयंत सिंह पर जाटों और कार्यकर्ताओं की ओर से कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने का भारी दबाव है. एबीपी न्यूज संवाददाता को सूत्रों की ओर से बताया गया कि जयंत चौधरी बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं से मिल चुके हैं.
नीतीश-ममता के किनारा करने के बाद INDIA से उखड़ा मन!
अगर रालोद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में जाएगा तब वह नरेंद्र मोदी सरकार से राष्ट्रव्यापी स्तर पर लोहा लेने के लिए बने विपक्षी गठबंधन इंडिया को अलविदा कहने वाली अगली पार्टी बन जाएगी. जयंत सिंह से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 'इंडिया' से दूरी बना ली थी. सूत्रों ने यह भी संकेत दिए कि हो सकता है कि नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के इंडिया गठजोड़ से किनारा करने के बाद जयंत ने बीजेपी से संवाद की दिशा में फिर कदम बढ़ाए हों. आरएलडी के कुछ सूत्रों की ओर से कहा गया कि वे गठजोड़ में सपा के अच्छे प्रदर्शन को लेकर आशान्वित नहीं थे. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर वह एनडीए में गए तब अखिलेश यादव को सर्वाधिक नुकसान होगा.
महाराष्ट्र में डिप्टी CM फडणवीस से देर रात मिले MNS के 3 नेता
वहीं, महाराष्ट्र में 6 फरवरी की देर रात राज ठाकरे की मनसे के नेताओं ने की सूबे के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से भेंट की. सूत्रों की ओर से बताया गया कि मनसे के तीन नेताओं - संदीप देशपांडे, नितिन सरदेसाई और बाला नंदगावकर - की इस दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर उनसे बात हुई. वैसे, इससे पहले हाल-फिलहाल में कई ऐसे मौके देखने को मिले जब देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे मंच साझा करते नजर आए थे.
आंध्र में भी बन गई बात, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी NDA में आने को तैयार!
आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी चीफ एन चंद्रबाबू नायडू बुधवार शाम 5 बजे दिल्ली पहुंचेंगे. राष्ट्रीय राजधानी में वह गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से मिलेंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि तीनों के बीच आंध्र प्रदेश में गठबंधन को बात होगी. सूत्रों ने इस बारे में एबीपी न्यूज को बताया कि दोनों ही दल साथ आने के लिए राजी हो चुके हैं. हालांकि, फिलहाल न तो कोई आधिकारिक ऐलान हुआ है और न ही इस बाबत आधिकारिक पुष्टि की गई है. हां, इतना बताया गया कि बीजेपी के दोनों टॉप नेताओं के साथ मुलाकात में चंद्रबाबू नायडू की गठबंधन को लेकर विस्तृत बात हो सकती है. आंध्र की कुल 25 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें बीजेपी की ओर से मांगी गई हैं, जबकि फिलहाल इस मसले पर बातचीत जारी बताई गई है. बीजेपी की ओर से किए गए सियासी खेल से समझा जा सकता है कि चुनावों से पहले वह उन सूबों में पैठ मजबूत करने का प्लान लेकर चल रही है जहां क्षेत्रीय पार्टियां अहम दावेदार मानी जाती हैं और जमीनी स्तर पर उनकी ठीक-ठाक पकड़ रही है.