Lok Sabha Elections 2024: बेटी के लिए लालू का मास्टरस्ट्रोक! पाटलिपुत्र की जंग में PM मोदी के खिलाफ होंगे अरविंद केजरीवाल
Election 2024: बिहार की पाटलिपुत्र सीट पर सातवें चरण के तहत 1 जून को वोट डाला जाएगा. इस सीट पर इस बार सबकी नजर है. दरअसल, यहां से आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी मीसा भारती तीसरी बार मैदान में हैं.
Lok Sabha Elections 2024 Latest News: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है. शनिवार (25 मई 2024) को वोटिंग है, लेकिन दूसरी तरफ सातवें और लास्ट फेज के मतदान के लिए राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. जानकारी के मुताबिक, बिहार की जिन 8 सीटों पर सातवें चरण के तहत मतदान होना है उसमें पाटलिपुत्र लोकसभा सीट सबसे अहम है.
इस सीट पर आरजेडी की तरफ से लालू यादव की बेटी मीसा भारती ताल ठोक रही हैं. उनके सामने बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव को लगातार तीसरी बार जीतने से रोकना सबसे बड़ी चुनौती है. रामकृपाल यादव के समर्थन में प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई 2024 को बिक्रम में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी 25 मई को करेंगे जनसभा
प्रधानमंत्री के असर को कम करने के लिए आरजेडी ने भी एक मास्टर सट्रोक चला है. जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की सभा के काट में आरजेडी मीसा भारती के पक्ष में वोट मांगने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुला रही है. 2019 के चुनाव में मीसा भारती के समर्थन में यहां कांग्रेस के राहुल गांधी आए थे.
दो बार से हार रहीं हैं मीसा भारती
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट का 2009 में परिसीमन के बाद बनी. तब यहां आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और जेडीयू के रंजन यादव के बीच भिड़ंत हुई थी. इसमें रंजन यादव की जीत हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी छोड़कर बीजेपी में गए रामकृपाल यादव को भाजपा ने टिकट दिया, जबकि आरजेडी ने मीसा भारती को प्रत्याशी बनाया. यहां रामकृपाल यादव ने मीसा को हरा दिया. 2019 में भी एक बार फिर रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को शिकस्त दी.
इस बार है करीबी मुकाबला
दो चुनाव से हार का सामना कर रहीं मीसा भारती इस बार जीत को लेकर आश्वस्त नजर आती हैं. वहीं, राजनीतिक एक्सपर्ट भी मानते हैं कि इस बार मुकाबला टफ है. पिछले चुनाव में भी मीसा भारती आखिरी राउंड में पिछड़ गईं थीं, लेकिन इस बार गठबंधन की वजह से वोट बिखरा नहीं है. ऐसे में मीसा भारती रामकृपाल यादव को चुनौती दे रही हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए अच्छी बात ये है कि आरजेडी के कई स्थानीय नेता टिकट न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं. ऐसे में इसका फायदा बीजेपी को हो सकता है.
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