Mallikarjun Kharge Allegation: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने मिसमैनेजमेंट और मतदान डेटा जारी करने में देरी के आरोपों को खारिज कर दिया. चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आरोप निराधार, बिना तथ्यों के और भ्रम फैलाने के लिए पक्षपातपूर्ण और जानबूझकर किया गया प्रयास है.  


इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव में बाधा डालने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे को फटकार भी लगाई. चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान से जुड़ा डेटा जारी करने के संबंध में लगाए गए आरोप निराधार हैं. इससे निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने में भ्रम पैदा होता है. आयोग ने ये भी कहा कि इस तरह के बयानों से मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे राज्यों में बड़ी चुनावी मशीनरी हतोत्साहित हो सकती है. 






क्या कहा चुनाव आयोग ने?


चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान के आंकड़े जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और स्थापित प्रोटोकॉल के मुताबिक है. खरगे के बयान न केवल निराधार हैं बल्कि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास भी है. इसके साथ ही आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील करते हुए कहा कि वे चुनावी प्रक्रिया की गरिमा को बनाए रखें. साथ ही आयोग ने कहा कि वो निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की बाधा को बर्दाश्त नहीं करेगा.


क्या कहा था मल्लिकार्जुन खरगे ने?


दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया था कि मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी करने में अत्यधिक देरी की गई और उस डेटा में विसंगतियां पाई गईं. उन्होंने कहा था कि चुनावों की स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रकृति पर ये गंभीर संदेह पैदा कर रही है.


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