Bansuri Swaraj Interview: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में लगे नेता जनता को अपनी ओर खींचने के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में प्रचार और प्रसार जोर-शोर से किया जा रहा है. इसी क्रम में नई दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने भी जनता के सामने तमाम राज खोले हैं.
टाइम्स नाउ नवभारत के साथ हुई खास बातचीत में बांसुरी स्वराज ने बताया कि उनकी मां के व्यस्त कार्यक्रम होते थे लेकिन हर शुक्रवार की शाम वो उनके साथ बिताती थीं, यहां तक ये समय वो अपने पति को नहीं देती थीं. ये वक्त सिर्फ और सिर्फ बांसुरी स्वराज के लिए होता था. उन्होंने कहा, “मैं सुषमा स्वराज का सार जरूर हूं लेकिन वो हमेशा चाहतीं थी कि मैं बांसुरी स्वराज का बेस्ट वर्जन दिखूं.”
‘बचपन बहुत खुशहाल था’
बांसुरी स्वराज ने कहा, “मेरा बचपन बहुत खुशहाल, सहज और सरल था. शायद यही मेरे व्यक्तित्व में आज भी परिलक्षित होता है. मेरे साथ वो एक मां थीं. उनकी अप्वाइंटमेंट डायरी में शुक्रवार की शाम मेरे नाम होती थी. चाहे कुछ भी जाए, शुक्रवार की शाम मे पापा भी होते थे. ये शाम सिर्फ हम दो सखियों की शाम थी. जहां हम अच्छा बुरा, रहस्य सब खुलते थे और मां बेटी की खूब गप्पें होती थीं.”
परिवारवाद पर क्या बोलीं बांसुरी
परिवारवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में दे चुके हैं लेकिन मैं भी इसका जवाब देना चाहती हूं. उन्होंने कहा, “परिवारवाद तब हाबी होता है जब आप हर मामले में नंबर 1 के दावेदार बन जाते हैं. अगर आपके माता-पिता जनप्रतिनिधि हैं तो आप भी जनप्रतिनिधि हों ये ठीक नहीं लेकिन क्योंकि मेरी मां राजनीति में थीं तो इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति मेरे लिए निषेध है. मुझे भी स्ट्रगल करने का उतना ही अधिकार है, जितना दूसरों को मिला हुआ है. पार्टी ने मुझे कोई ईनाम नहीं दिया है, ये दायित्व है.”
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