Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में विधायकों पर दांव लगा रहे केजरीवाल, गठबंधन सरकार नहीं बनी तो AAP का नुकसान तय!
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A. गठबंधन की सरकार नहीं बनने पर आम आदमी पार्टी को नुकसान होना तय है. अगर उनके उम्मीदवार हार जाते हैं तो नुकसान कम हो सकता है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी ने पांच राज्य की 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. दिल्ली और पंजाब में सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी अपने विधायकों को दिल खोलकर सांसद बनने का मौका दे रही है. पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल बीजेपी की रणनीति अपनाकर लोकसभा में अपनी पार्टी की उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं, लेकिन उनका यह दांव पार्टी पर उलटा भी पड़ सकता है.
आम आदमी पार्टी ने अब तक 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है और इनमें पांच मौजूदा विधायक हैं. ऐसे में इन उम्मीदवारों के जीत हासिल करने पर पार्टी के विधायकों की संख्या कम होगी और राज्यसभा चुनाव में पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है.
आम आदमी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार
नई दिल्लीः सोमनाथ भारती (मालवीय नगर से विधायक हैं)
दक्षिणी दिल्लीः सही राम पहलवान (तुगलकाबाद से विधायक हैं)
पूर्वी दिल्लीः कुलदीप कुमार (कोंडली से विधायक हैं)
भावनगरः उमेश मकवाना (बोतड़ से विधायक हैं)
भरूचः चैतर वसावा (डेडियापड़ा से विधायक हैं)
पश्चिमी दिल्लीः महाबल मिश्रा (कांग्रेस के पूर्व सांसद)
कुरुक्षेत्रः सुशील कुमार गुप्ता ( पूर्व राज्यसभा सांसद और हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष)
डिब्रूगढ़ः मनोज धनोवर (पहले कांग्रेस नेता रहे. उनके पिता डिगबोई से आठ बार कांग्रेस विधायक रहे)
गुवाहाटीः भबेन चौधरी (आम आदमी पार्टी के असम के अध्यक्ष डॉ. भबेन चौधरी समाजसेवक हैं)
सोनितपुरः ऋषिराज कौंडिन्य (एक बिजनेसमैन और समाजिक कार्यकर्ता हैं)
भारी पड़ सकती है बीजेपी की नकल
बीजेपी ने पिछले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में 21 सांसदों को टिकट दिया था. पार्टी की रणनीति सफल रही और अधिकतर नेता जीत हासिल करने में सफल रहे. इन सभी ने चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया और अब राज्य सरकार का हिस्सा हैं. आम आदमी पार्टी भी इसी राह पर चल रही है. अगर उसके उम्मीदवार जीत नहीं हासिल करते हैं तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि, इन उम्मीदवारों के जीतने पर इन्हें विधायक के पद से इस्तीफा देना होगा. इस स्थिति में आम आदमी पार्टी के विधायकों की संख्या कम होगी और आगामी राज्यसभा चुनावों में इसका नुकसान हो सकता है. इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल को फिर से इन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देना पड़ सकता है. अन्यथा उन सीटों पर पार्टी का कमजोर उम्मीदवार हार सकता है. अगर I.N.D.I.A. गठबंधन लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आता है तो आम आदमी पार्टी को इसका फायदा मिलेगा. ऐसा नहीं होने पर पार्टी का नुकसान होना तय है.
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