Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 31 सीट पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे का मामला अभी फंसा हुआ है. वैसे तो कांग्रेस और सपा चीफ के बीच अब तक कई चिट्ठियों का आदान प्रदान हो चुका है. बावजूद इसके फाइनल फॉर्मूला सामने नहीं आया है.
दरअसल, यूपी की 80 सीटों पर सीट शेयरिंग का मामला कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के बीच चल रहा था. इस दौरान सपा ने जनवरी माह में 16 कैंडिडेट की पहली लिस्ट भी जारी कर दी थी. इस लिस्ट के जारी करने के बाद अखिलेश यादव की ओर से कांग्रेस पार्टी को 6 फरवरी को एक पत्र लिखा गया था और अवगत कराया गया कि उसने (सपा) 11 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी हैं.
इसके जवाब में कांग्रेस ने सपा चीफ को अवगत कराया कि 11 सीटों में से उसको सिर्फ 5 ही मंजूर हैं. और उसको यूपी में 20 सीट और दी जाएं. इससे यह साफ कर दिया गया कि कांग्रेस को यूपी में कुल 25 सीट 'इंडिया गठबंधन' सहयोगी के नाते चाहिए.
अखिलेश यादव ने मांगी थी कांग्रेस से 20 सीटों पर कैंडिडेट्स की डिटेल
इस चिट्ठीबाजी का सिलसिला यहीं नहीं थमा और जारी रहा. अखिलेश यादव की ओर से 12 फरवरी को एक और पत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भेजा गया. इसमें समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश ने कांग्रेस से पूछा कि वो उन 20 सीटों का नाम कैंडिडेट्स डिटेल के साथ भेज दें, जिन पर वो दावेदारी जता रहे हैं. इस तरह के सवाल पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और सपा को इस बात से भी अवगत कराने का प्रयास किया कि कांग्रेस पार्टी में कैंडिडेट चयन की एक पूरी प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया के तहत ही उम्मीदवार तय किए जाते हैं.
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को पूर्व चुनावों से कराया अवगत
इसके बाद समाजवादी पार्टी की ओर से 19 फरवरी को एक और पत्र कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को लिखा गया जिसमें 17 सीटों का जिक्र करते हुए सूची दी गई. इन सीटों की लिस्ट समाजवादी पार्टी ने बकायदा 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव व 2017, 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए दी गई जिसमें पार्टी का कैसा प्रदर्शन रहा, इसका ब्यौरा भी दिया गया. इन सीटों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी सहमत हो गए, लेकिन इसके बाद मामला फिर कुछ फंसता नजर आया.
राहुल गांधी ने जताई इन सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी
खरगे ने 19 फरवरी को ही सपा चीफ को अवगत कराया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, मुरादाबाद और बिजनौर लोकसभा सीट चाहते हैं. इसको लेकर मामला फंस गया और सपा चीफ ने साफ किया कि प्रियंका गांधी के साथ कई राउंड की बातचीत हुई थी. उसके बाद मुकुल वासनिक ने उनकी जगह अलायंस का मोर्चा संभाला था. फॉर्मूला तय होने के बाद फिर सीटों को लेकर इस तरह की बातें क्यों हो रही हैं?
मुस्लिम वोट बैंक पर कांग्रेस-सपा के अपने-अपने दावे
कांग्रेस ने अमरोहा व सहारनपुर लोकसभा सीट पर भी दावेदारी जताई, जिसको लेकर मामला इन सीटों को लेकर फंसा हुआ है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों ही इन सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक को लेकर अपना-अपना दावा ठोके हुए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ स्थिति स्पष्ट हो सकती है.
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