Lok Sabha Elections: कौन से हैं वो देश, जहां लगाया जाता है विरासत टैक्स, सैम पित्रोदा के बयान पर देश में मचा है बवाल
Lok Sabha Elections: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि आपसे किसने कहा कि 55 फीसदी संपत्ति छीन ली जाएगी? किसने कहा कि ऐसा कुछ भी भारत में किया जाएगा?
Lok Sabha Elections: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स का मुद्दा छेड़कर सुर्खियों में छा गए हैं. कौन हैं भारतीय सूचना क्रांति के अग्रदूत माने जाने वाले सैम पित्रोदा, जिनका नाम चुनावी मौसम में अक्सर सुनाई देने लगता है. दरअसल, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत टैक्स की वकालत की है, जिसके बाद उनकी इस टिप्पणी को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स की व्यवस्था है. इसका अर्थ ये है कि यदि किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद उसके बच्चों को केवल 45 फ़ीसदी संपत्ति ही मिलेगी और बाकी का 55 फ़ीसदी सरकार ले लेगी. ये काफी दिलचस्प कानून है. ये कहता है कि आप अपने दौर में संपत्ति जुटाओ और अब जब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी धन-संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, सारी नहीं लेकिन उसकी आधी, जो मेरी नजर में अच्छा है.
सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर दी सफाई
पित्रोदा ने कहा कि भारत में आप ऐसा नहीं कर सकते. अगर किसी की संपत्ति 10 अरब रुपए है और वह इस दुनिया में न रहे तो उनके बच्चे ही 10 अरब रुपए रखते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता. तो ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिस पर लोगों को बहस करनी चाहिए. मैं नहीं जानता कि इसका नतीजा क्या निकलेगा. लेकिन जब हम संपत्ति के वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए तरह के प्रोग्राम की बात करते हैं जो जनता के हित में है न कि केवल अमीर लोगों के. हालांकि, सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर छिड़े विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
पित्रोदा ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैंने जो निजी तौर पर अमेरिका में विरासत टैक्स पर कहा उसे पीएम मोदी की ओर से कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर फैलाए जा रहे झूठ से ध्यान भटकाने के लिए गोदी मीडिया ने गलत तरह तोड़-मरोड़ कर पेश किया. पित्रोदा ने कहा कि आपसे किसने कहा कि 55 फीसदी संपत्ति छीन ली जाएगी? किसने कहा कि ऐसा कुछ भी भारत में किया जाएगा? बीजेपी और मीडिया इतना घबराया क्यों हुआ है? मैंने अपनी बातचीत में अमेरिका के इनहेरिटेंस टैक्स का उदाहरण अमेरिका के लिए ही दिया था. क्या मैं तथ्य नहीं बता सकता? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा करने की ज़रूरत है. इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की पॉलिसी से कोई लेना-देना नहीं है.
जानिए कौन हैं सैम पित्रोदा?
दरअसल, भारतीय सूचना क्रांति के अग्रदूत माने जाने वाले सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है. 4 मई 1942 को उड़ीसा के तितलागढ़ में जन्मे पित्रोदा एक भारतीय अविष्कारक, कारोबारी और नीति निर्माता हैं. वे फिलहाल इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के चेयरमैन पद पर हैं. यूपीए सरकार के दौरान पित्रोदा भारतीय प्रधानमंत्री के जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार थे.
60 और 70 के दशक में पित्रोदा दूरसंचार और कंप्यूटिंग के क्षेत्र में तकनीक विकसित करने की दिशा में काम करते थे. वहीं, सैम पित्रोदा के नाम 100 से भी ज्यादा पेटेंट हैं. जबकि, साल 1984 में भारत के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने पित्रोदा को भारत आकर अपनी सेवाएं देने का ऑफर दिया था. भारत लौटने के बाद उन्होंने राजीव गांधी के सलाहकार की हैसियत से घरेलू और विदेशी दूरसंचार नीति को दिशा देने का काम किया.
जानिए किन देशों में लगता है विरासत टैक्स?
बता दें कि, अमेरिका के अलावा दुनियाभर में कई ऐसे देश भी हैं जहां पर विरासत टैक्स लगाया जाता है. tax federation.org research की रिपोर्ट में पता चला है कि इन 18 देशों में सरकार विरासत टैक्स वसूलती है.
1- बेल्जियम में 30 %
2- जर्मनी में 30 %
3- ग्रीस में 20 %
4- चिली में 25 %
5- स्विट्जरलैंड में 7 %
6- नीदरलैंड में 20 %
7- पोलैंड में 7 %
8- फिनलैंड में 19 %
9- आइसलैंड में 10 %
10- डेनमार्क में 15 %
11- इटली में 4 %
12- फ्रांस में 45 %
13- साउथ कोरिया में 55 %
14- ब्रिटेन में 40 %
15- आयरलैंड 33 %
16- अमेरिका में 40 %
17- स्पेन में 34 %
18- जापान में 55 %