Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है. इस बार सरकार ने पोस्टल बैलेट के नियमों में भी बदलाव किया है. अब 80 साल से ज्यादा उम्र के सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं मिलेगी. अब उन्हीं बुजुर्ग मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा मिलेगी, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है या जिन्हें कोई बीमारी है.


सरकार ने यह भी साफ किया है कि जो मतदाता जरूरी सेवाओं में लगे हुए हैं, उन्हें भी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान का अधिकार होगा. चुनावी ड्यूटी में लगे मतदाता उसी मतदान केंद्र से पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर सकेंगे, जिसमें वह अपनी सेवा दे रहे हैं.


चुनाव आयोग ने क्या-क्या कहा?



  • अब 80 नहीं 85 साल से ज्यादा के मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा मिलेगी.

  • दिव्यांग और बीमार मतदाता भी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर सकेंगे.

  • ऐसे मतदान केंद्र जहां मतदाताओं की लंबी लाइन लगती है, वहां कुर्सियां भी रहेंगी, जिनमें बैठकर मतदाता अपनी बारी का इंतजार कर सकेंगे.

  • सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

  • सभी जिला चुनाव अधिकारी राजनीतिक दलों की गई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करें.

  • अधिकारी धोखाधड़ी के मामलों की जांच करें.

  • चुनाव प्रक्रिया से संबंधित फर्जी और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो.

  • इस बार डाक मतपत्रों की गिनती पहले होगी, ईवीएम की आवाजाही आधिकारिक वाहनों में होगी और वाहन जीपीएस ट्रैकिंग से लैस होंगे.

  • चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता डाक मतपत्र के जरिये अपना वोट मतदाता सुविधा केंद्र पर डाल सकेंगे.

  • चुनाव पर्यवेक्षकों के नाम और नंबर सार्वजनिक किए जाएं, ताकि सभी तक इसकी पहुंच हो सके.

  • फर्जी खबरों से निपटने के लिए जिला स्तर पर एक सोशल मीडिया प्रकोष्ठ बनाया जाएगा.


देश में 1.85 करोड़ बुजुर्ग मतदाता


बुजुर्ग मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की सुविधा 2019 में ही शुरू की गई थी. उस समय 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं के लिए यह सुविधा थी. हालांकि, चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद इसे बढ़ाकर 85 साल कर दिया गया है. मौजूदा समय में देश में 96.88 करोड़ मतदाता हैं. इनमें से 1.85 करोड़ की उम्र 80 साल से ज्यादा है. 85 साल से ज्यादा उम्र के मतादाओं के घर पर चुनाव आयोग के कर्मचारी पहुंचते हैं और पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कराते हैं. निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है.

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