Lok Sabha Elections 2024: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को कहा कि देश में ‘अघोषित आपातकाल’ है और यह 1975 के आपातकाल से भी अधिक खतरे में है. आपातकाल के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हालिया टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सामान्य शिकायत है कि इस समय हम जिस दौर से गुजर रहे हैं वो आपातकाल से भी खराब है. अंतर केवल इतना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल घोषित किया था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हालात आपातकाल की तरह हैं, लेकिन इसे आपातकाल कहा नहीं जाता.’’ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में लोकतंत्र 1975 में आपातकाल के समय से अधिक खतरे में है. उन्होंने कहा, ‘‘आप बताइए कि सच बताने के लिए आपको कितनी आजादी मिली हुई है? आज लोकतंत्र उस समय की तुलना में अधिक खतरे में है. इंदिरा (गांधी) में तब चुनाव कराने का साहस था. उन्होंने चुनाव से पहले किसी को गिरफ्तार नहीं किया था.’’
'विपक्षी नेताओं को रिहा करो'
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘देखिए आज क्या हो रहा है. जब भी बीजेपी को डर लगता है, कुछ एजेंसियों के माध्यम से उम्मीदवारों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. अगर यह आपातकाल नहीं है तो विपक्षी नेताओं को रिहा कीजिए और देखिए कि लोग उनका समर्थन करते हैं या नहीं.’’
'बीजेपी का विरोध करते थे और करते रहेंगे'
नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस एवं वंशवादी राजनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘वह जब यहां आते हैं तो इन मुद्दों को उठाते हैं. हम उनके कार्यक्रमों का इंतजार करते हैं ताकि वह कुछ नई बात कहें.’’ नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा, ‘‘बीजेपी राजनीति में परिवारों के खिलाफ नहीं है. वे केवल बीजेपी के विरोधी परिवारों के खिलाफ हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी ने अपने नेताओं के परिजनों को टिकट दिए हैं. अगर ‘परिवारवाद’ बीजेपी के लिए ठीक है तो हमारे मामले में उन्हें इसे लेकर क्या आपत्ति है? ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि हम उनका विरोध करते हैं. हम उनका विरोध करते आ रहे हैं और करते रहेंगे.’’