Lok Sabha Elections 2024: 'पुलिस ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले बताकर उठा लिए PDP कार्यकर्ता', महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा का बड़ा आरोप
Iltija Mufti On Mehbooba Mufti FIR: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती पर दर्ज हुई एफआईआर पर उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि सच को इस से दबाया नहीं जा सकेगा.
FIR On Mehbooba Mufti: पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने बुधवार (29 मई) को अपनी मां और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने को 'बेहद दुखद' बताते हुए इसे एक धमकी करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पीडीपी कार्यकर्ताओं को आतंकवाद का समर्थन करने वाले बोलकर पुलिस उठा लेती है. उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रशासन की इस तरह की रणनीति पार्टी को सच बोलने से नहीं रोक पाएगी.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, "आज महबूबा मुफ्ती के खिलाफ धारा 144 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. 25 मई को मतदान के दिन जब अनंतनाग-राजौरी सीट पर मतदान हो रहा था, तब उन्होंने बिजबेहरा पुलिस स्टेशन के बाहर एक बड़ा धरना दिया था. 24 मई की रात को हमें अनंतनाग-कुलगाम से हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं के फोन आने लगे, जिन्हें पुलिस ने उठा लिया. यह सब मतदान से 10-12 घंटे पहले हुआ. उसी समय रात में CASO (कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन) शुरू हो गया.”
‘वोटिंग रोकने के लिए लोगों में डर पैदा किया गया’
उन्होंने आगे कहा, “सेना ने उन सभी जगहों पर CASO शुरू कर दिया, जो पीडीपी के पारंपरिक गढ़ हैं. अगले दिन हमें बताया गया कि वे (पुलिस द्वारा पकड़े गए पीडीपी कार्यकर्ता) OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर) थे. आप हमारे लड़कों को कैसे बदनाम कर रहे हैं? हमें प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिला. लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की गई ताकि उन्हें वोटिंग से रोका जा सके.”
#WATCH | Srinagar, J&K: PDP leader Iltija Mufti says, "Today an FIR u/s 144 has been filed against Mehbooba Mufti. On the polling day, on 25th May, when voting was taking place on Anantnag-Rajouri seat, she staged a huge sit-in protest outside Bijbehara Police Station...On the… pic.twitter.com/u7zzobn7ie
— ANI (@ANI) May 29, 2024
‘मतदान प्रतिशत उम्मीद से कम’
पीडीपी नेता ने कहा, “दक्षिण कश्मीर में मतदान प्रतिशत हमारे अनुमान से कम रहा. केंद्र सरकार ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर उस प्रतिशत को कम कर दिया क्योंकि उन्हें पता था कि लोग महबूबा मुफ़्ती को वोट देना चाहते हैं. यह एफआईआर एक धमकी है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे."
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