Lok Sabha Elections 2024 Second Phase Voting: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार (26 अप्रैल) को होना है. इससे पहले गरमाहट बढ़ चुकी है. 80 बनाम 20 वाली लड़ाई का जोर है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलसूत्र को लेकर एक बयान दिया था. पीएम ने कहा था कि विपक्ष सत्ता में आया तो मां बहनों के मंगलसूत्र लेकर मुसलमानों में बांट देगा.
इस बयान के बाद विपक्ष हमलावर हो गया और इस शोर के बीच यूपी के सीएम ने शरिया कानून से देश चलाने वाला तीर चला दिया. कुल मिलाकर 24 के लोकसभा चुनाव में हिंदू मुसलमान का मुद्दा हावी हो चुका है लेकिन सवाल है कि मंगलसूत्र और मुसलमान के बीच घिरा चुनाव किस तरफ जा रहा है?
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पहले जब इनकी सरकार बनी तो इन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. इसका मतलब ये है कि ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपका पैसा घुसपैठियों दे दिया जाएगा तो आपको मंजूर है? कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि वो मां बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. उनकी जानकारी लेकर उसे बांट देंगे. उनको बांटा जाएगा जिनको मनमोहन सिंह की सरकार में कहा गया था कि संपत्ति का पहला अधिकार मुसलमानों का है. ये सोच अर्बन नक्सल वाली है, ये मां बहनों का मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक जाएंगे.”
धार्मिक ध्रुवीकरण का शोर
लगातार तीन दिन तक प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में मंगलसूत्र के जरिए कांग्रेस पर अटैक किया है. ये बयान बता रहे हैं कि कैसे पहले चरण के चुनाव के बाद अचानक मंगलसूत्र की एंट्री हो गई है. दरअसल फर्स्ट फेज के लोकसभा चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण का शोर सुनाई नहीं दिया था. पहले चरण के चुनाव प्रचार में हिंदू मुसलमान के मुद्दे का जोर नहीं दिखाई दिया था लेकिन जैसे ही पहले चरण का चुनाव खत्म हुआ अचानक हर तरफ हिंदू और मुसलमान वाला शोर गूंजने लगा है.
लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि चुनाव में हिंदू मुसलमान का शोर सुनाई देने लगा? पहले फेज में धर्म मुद्दा नहीं बना था तो फिर पहले फेज के बाद मंगलसूत्र की एंट्री क्यों हुई?
दूसरे फेज में क्यों हुई हिंदू मुस्लिम मुद्दे की एंट्री
पहले फेज के चुनाव के बाद हिंदू मुसलमान के मुद्दे ने जोर क्यों पकड़ा हमने इस बात की पड़ताल की तो एक बात ये सामने आई कि शुक्रवार को जब पहले चरण का मतदान हुआ तो बीजेपी जिन इलाकों में मजबूत मानी जा रही थी वहां वोटिंग पिछले चुनावों की तुलना में कम हुई.
पहले चरण में कम वोटिंग के पीछे वजह मानी गई कि चुनाव गर्म नहीं हुआ है. चुनाव में कोई मुद्दा बड़ा नहीं बन पाया इसलिए लोग वोट के लिए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं और शुक्रवार की वोटिंग के बाद शनिवार को रणनीति बनी और रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा की रैली में मोदी का ये बयान पूरे चुनाव की सबसे बड़ी सुर्खियां बन गया.
राहुल गांधी के किस बयान पर बीजेपी हमलावर
प्रधानमंत्री मोदी मंगलसूत्र और हिंदुओं की संपत्ति पर अटैक के पीछे कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखी बातों का हवाला दे रहे हैं. बार-बार राहुल गांधी के एक बयान को कोट कर रहे हैं तो राहुल गांधी के उस बयान को ढूंढने की कोशिश की गई तो पड़ताल में सामने आया कि 6 अप्रैल को जब राहुल गांधी ने न्याय पत्र के नाम से कांग्रेस के घोषणापत्र की लॉन्च रैली का आयोजन हैदराबाद में किया था तो इसी रैली में राहुल गांधी ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने आर्थिक सर्वे की बात कही थी.
हालांकि ये बयान राहुल गांधी ने 6 अप्रैल को दिया था लेकिन इसका इस्तेमाल बीजेपी ने पहले चऱण के चुनाव में नहीं किया लेकिन दूसरे चरण का चुनाव राहुल गांधी के इस बयान के ईर्द गिर्द घूम रहा है.
कांग्रेस के घोषणा पत्र मे क्या लिखा?
जब कांग्रेस के घोषणात्र को खंगाला गया तो उसमें लिखा है, “कांग्रेस राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना करवाई जाएगी. इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगाएगी. कांग्रेस नीतियों में उपयुक्त बदलाव करके धन और आय के मामले में बढ़ती असमानता का समाधान करेगी.” जनगणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस उनकी स्थिति में सुधार के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी.
विपक्ष भी हुआ बीजेपी पर हमलावर
कांग्रेस के घोषणापत्र में आर्थिक सर्वे की बात तो है लेकिन धर्म की बात कहीं नहीं है और इसी बात को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस न सिर्फ बीजेपी पर हमला कर रही है बल्कि कांग्रेस का डेलीगेशन इस मुद्दे पर बीजेपी की शिकायत करने के लिए इलेक्शन कमीशन के दफ्तर भी पहुंचा. साथ ही कांग्रेस से लेकर ओवैसी और महबूबा तक हमलावर हो गई हैं.
पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर अटैक किया था लेकिन इंडिया गठबंधन के तमाम साथी हिंदू बनाम मुसलमान के इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की रणनीति बना चुके हैं और इसलिए किशनगंज से लेकर कश्मीर तक इसका शोर सुनाई दे रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तो पीएम मोदी के बयान को हार के शुरुआती लक्षण करार दे दिया है. पीएम के बयान पर जवाब मांगने के साथ हमले किए जा रहे हैं. कांग्रेस बयान को महिलाओं के अपमान से जोड़ रही है.
कांग्रेस सिर्फ जवाब नहीं मांग रही बल्कि प्रधानमंत्री मोदी पर हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए कांग्रेस का डेलीगेशन चुनाव आयोग के दरवाजे तक जा पहुंचा है. कांग्रेस के नेता क्रोध में लाल हैं जबकि पीएम मोदी ने एक बार फिर राजस्थान में गरजते हुए कहा कि उनके एक बयान से कांग्रेस में भगदड़ का माहौल बन गया है.
अमित शाह की मिडनाइट मीटिंग्स
और ऐसा नहीं है कि चुनाव सिर्फ मंगलसूत्र और मुसलमान पर जा टिका है. चुनाव के लिए नई रणनीति भी बनाई जा रही है. मिडनाइट मीटिंग हो रही है. सोमवार रात को गृह मंत्री अमित शाह जब छत्तीसगढ़ से दिल्ली लौटे तो उन्होंने बीजेपी नेताओं के साथ मिलकर चुनाव के अगले चरण के लिए खास रणनीति बनाई. 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 88 सीटों पर चुनाव है. इसका प्रचार आज शाम थम जाएगा.
केंद्री गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर मीटिंग करके रात सवा दो बजे निकले. ये तस्वीरें बता रही हैं कि कैसे बीजेपी के रथ को 400 पार तक पहुंचाने के लिए अमित शाह और नड्डा रात रात भर जागकर जीत की रणनीति बना रहे हैं.
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