Nirmala Sitharaman On Rohith Vemula Case: 2016 में तेलंगाना के हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर सियासी तूफान खड़ा हुआ है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि रोहित बेमुला दलित नहीं था और उसे इस बात के खुलासा होने का डर था इसलिए खुदकुशी कर ली.
इसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विरोधियों खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने इस मामले को आधार बनाकर अपना राजनीतिक स्वार्थों को जमकर साधा है. निर्मला सीतारामन न राहुल गांधी पर भी इसके जरिए झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
'मोहब्बत की दुकान वालों ने राजनीतिक हित साधा'
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “रोहित वेमुला आत्महत्या मामला एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. इस मामले को विश्वविद्यालय स्तर पर बहुत संवेदनशीलता से संभाला जा सकता था लेकिन मामला पूरे देश में फैलाया गया. इसका मकसद सरकार के खिलाफ माहौल बनाना था. जिन लोगों ने ऐसा माहौल बनाया उनका राजनीतिक एजेंडा था." वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि जिन लोगों ने मोहब्त की दुकानें खोलीं, वे इस मुद्दे को संसद तक ले गए.
क्या है रोहित वेमुला का मामला?
दरअसल, रोहित वेमुला ने 2016 में आत्महत्या कर ली थी. पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में दावा किया गया कि रोहित वेमूला दलित नहीं था और उसने ‘असली पहचान’ जाहिर होने के डर से आत्महत्या की थी. पुलिस ने इस मामले में सबूतों की कमी का हवाला देते हुए आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दे दी. इस मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति अप्पा राव पोडिले और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बंडारू दत्तात्रेय, बीजेपी के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एन. रामचंद्र राव के साथ-साथ एबीवीपी के कुछ नेता भी आरोपी थे. तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहीं स्मृति ईरानी भी इसमें आरोपी थीं.
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