'लक्ष्य हासिल करना संभव, इंडिया गठबंधन पड़ा कमजोर', पीएम मोदी के 400 प्लस के दावे पर बोले उमर अब्दुल्ला
Omar Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इंडिया गठबंधन को लेकर जितना मजबूत होने की उम्मीद की गई थी वो उतना नहीं है. उसका कमजोर होना ही बीजेपी की जीत राह आसान करेगा.
Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी दल पूरे जोर शोर से चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी 370 और एनडीए 400 पार का लक्ष्य हासिल करने का ऐलान संसद के दोनों सदनों में दिए वक्तव्यों में कर चुके हैं. इसके बाद से 'इंडिया गठबंधन' के दलों के नेताओं में बैचेनी बढ़ गई है. गठबंधन के नेताओं की ओर से खुलकर बयानबाजी भी की जा रही है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार (8 फरवरी) को एक साक्षात्कार के दौरान माना कि आगामी चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 400+ लोकसभा सीटों का निर्धारित लक्ष्य संभवत: प्राप्त किया जा सकता है.
'इंडिया गठबंधन' के सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में इस बात पर भी बल दिया कि इंडिया ब्लॉक जिस तरह से बीजेपी-एनडीए के खिलाफ होना चाहिए था, वो नहीं बन पाया है. उन्होंने 'इंडिया गठबंधन' के दलों में एकजुटता के अभाव की बात भी कही. साथ ही कहा कि विपक्षी दलों का कमजोर होने और अंतर्कलह का होना ही अगले चुनावों में बीजेपी-एनडीए को 400 सीटें दिलाने का बड़ा कारण होगा.
दो माह पहले के माहौल में आया बड़ा बदलाव
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का दावा है कि बीजेपी के खिलाफ एकजुटता बनाने में विपक्ष नाकाम रहा है. जहां तक दो महीने पहले की बात की जाए तो 400 पार का लक्ष्य हासिल होता नहीं दिख रहा था, लेकिन अब माहौल बदल गया है. पीएम मोदी की ओर से निर्धारित किया लक्ष्य संभव लग रहा है. इसके पीछे एक बड़ा कारण यह होगा कि विपक्ष उतना मजबूत नहीं बन पाया है जिसकी उम्मीद की जा रही थी. हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि अभी चुनावों में कुछ वक्त बाकी है, एनडीए की तीसरी बार सत्ता वापसी रोकने को विपक्षी दलों को मतभेदों को भूलकर आगे बढ़ना होगा.
इंडिया गठबंधन दल छोड़ने के मामले में किया कांग्रेस का बचाव
उमर अब्दुल्ला ने इस बात को स्वीकार किया कि 'इंडिया गठबंधन' बेहद कमजोर है. एक मजबूत विपक्षी गुट बनाने कर प्रयास किया गया लेकिन इसमें उतनी सफलता नहीं मिल पायी. इसको अब आने वाले समय पर छोड़ देना चाहिए. पूर्व सीएम उमर ने नीतीश कुमार के 'इंडिया गठबंधन' से अलग होने और जयंत चौधरी के अलग होने की अटकलों के बीच कांग्रेस पार्टी का बचाव भी किया. उनका मानना है कि इन सभी घटनाक्रमों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. नीतीश कुमार और बाकी ने खुद ही गठबंधन को छोड़ा है.
'बीजेपी के पास धन, बल और मंदिर'
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी की संभवत: तीसरी बार सत्ता वापसी के अहम कारणों को गिनाते हुए दावा किया कि उसके पास धन, बल और मंदिर हैं. वह सत्ता की वापसी के लिए इनमें से किसी का भी इस्तेमाल कर सकती है. दूसरी तरफ विपक्ष के कमजोर होने और फंड की कमी के चलते उसकी राह आसान नहीं है.
यूपीए शासन के प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर रहे पीएम मोदी
उमर अब्दुल्ला ने धारा 370, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास, जम्मू-कश्मीर में निवेश, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव और सीमापार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को लेकर भी बेबाक राय पेश की है. उन्होंने कहा कि निवेश और नौकरियां कहां हैं? प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ उन प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करने आ रहे हैं जिनकी योजना और कार्यान्वयन यूपीए शासन के दौरान किया गया था. 10 सालों में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर कुछ नहीं किया जा सका है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव उस वक्त करवाए जाएंगे जब बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त होगी.
पाकिस्तान को बातचीत का माहौल बनाने की जरूरत
पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि पड़ोसी मुल्क ने भारत से दोबारा बातचीत करने के लिए कोई माहौल बनाया हो. इसके लिए हमेशा भारत सरकार को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. पाकिस्तान को आतंकवाद को समर्थन देना बंद करना होगा, उसके साथ तभी बातचीत संभव है. बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहिए क्योंकि यह दोनों देशों के लोगों के लिए अच्छा है.
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