Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इससे पहले इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल सीट शेयरिंग के मुद्दे को सुलझाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं. कई राज्यों में कांग्रेस और दूसरे दलों के बीच सीटों के बंटवारों को लेकर आम सहमति भी बन गई है. सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के साथ-साथ गुजरात में कांग्रेस ने अपने सहयोगी दल के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल कर लिया है, लेकिन इस पर पार्टी में अंदरूनी सियासी घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है.
बात अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के तहत हुए सीटों के बंटवारे की करें तो 80 में से 17 सीटें कांग्रेस पार्टी को दी गई हैं. दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चली लंबी खींचतान के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने 17 सीट देने पर सहमति जताकर गठबंधन को टूटने से बचा लिया था. वहीं, मामला अब यहीं नहीं थम जाता है. इस सीट शेयरिंग के बाद गठबंधन तो जरूर बच गया लेकिन कांग्रेस में अंदरुनी बगावत तेज हो गई है. पार्टी के अपने नेताओं को ही सीट शेयरिंग का यह फॉर्मूला रास नहीं आ रहा है.
यूपी के कई कद्दावर नेताओं को रास नहीं आया गठबंधन
समाजवादी पार्टी के साथ हुई सीट शेयरिंग से नाराज कांग्रेस पार्टी के नेता सोशल मीडिया पर भी अपनी खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता सलमानी खुर्शीद फर्रुखाबाद सीट सपा के खाते में जाने से नाराज हैं और वो निर्दलीय भी चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं. वहीं पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, पूर्व सांसद रवि वर्मा, बेटी पूर्वी वर्मा, अहमद हमीद, विश्वनाथ चतुर्वेदी समेत कई और बड़े कद्दावर नेता सीट शेयरिंग और गठबंधन को लेकर नाराज हैं. इसके साथ ही पूर्व सांसद जफर अली नकवी के भी इस बार चुनाव लड़ने के मंसूबों पर पानी फिर गया है.
गुजरात में AAP के साथ गठबंधन की सीटों पर रार
यूपी के अलावा गुजरात में भी कांग्रेस की मुश्किलें कम होते नहीं दिख रही हैं. 'इंडिया गठबंधन' के सहयोगी दल आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस की भरूच और भावनगर लोकसभा सीट को लेकर आम सहमति बनने की बात आई है. हालांकि, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से पहले ही विधायक चैतर वसावा को भरूच से प्रत्याशी घोषित किया हुआ है. अब जब खबरें इस सीट पर कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को देने की आ रही हैं तो इस पर बगावती स्वर भी तेज हो गए हैं.
अहमद पटेल के बेटे ने बुलंद की अपनी आवाज
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने इस सीट पर अपनी दावेदारी ठोक दी है. फैसल ने कांग्रेस आलाकमान को इस बात से भी अवगत करा दिया है कि इस सीट को आम आदमी पार्टी को नहीं दिया जाए. भरूच लोकसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और फैसल के पिता अहमद पटेल यहां से 3 बार सांसद भी रहे है. फैसल से पहले उनकी बहन और अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी यहां से दावा किया था. अब केवल फैसल पटेल ही यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन पार्टी ने फैसल पटेल के विरोध के चलते अभी कोई निर्णय लिया है.
'भरूच की सीट पर मैं दावेदार हूं'
अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल का कहना है कि भरूच की सीट पर मैं दावेदार हूं. आम आदमी पार्टी का कैंडिडेट यहां से नहीं जीत सकता. मैंने यहां के लिए लगातार मेहनत की है. आलाकमान से भी मैंने बात की है. बहन मुमताज़ भी चाहती है कि मैं यहां से लड़ूं. मुमताज़ ने 10 जनवरी को ही मुझसे कह दिया था कि मैं यहां से चुनाव लडूं.
टीएमसी-कांग्रेस गठबंधन से प्रदेश संगठन में नाराजगी?
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में अभी कांग्रेस का टीएमसी के साथ सीट शेयरिंग का मामला अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन 5-6 सीटों पर सहमति की चर्चाओं के बीच प्रदेश कांग्रेस संगठन में कुछ नाराजगी सामने आने लगी है. दरअसल, प्रदेश कांग्रेस संगठन टीएमसी के साथ पार्टी के गठबंधन को लेकर ज्यादा राजी नहीं है. इसलिए पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस पार्टी के भीतर अंदरूनी खींचतान बढ़ रही है. पार्टी के स्टेट चीफ अधीर रंजन चौधरी समय-समय पर इसकी मुखालफत करते भी आ रहे हैं. महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं में अंदरुनी कलह बनी हुई है.
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