Lok Sabha Elections 2024 Phase Seven Polling: लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण का मतदान 1 जून 2024 को है. इस लास्ट फेज की वोटिंग में जिन 57 सीटों पर पर वोट डाले जाएंगे, उनमें ज्यादातर सीटें ऐसी हैं जिन पर 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत दर्ज की थी. अब बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या इस बार फिर से बीजेपी इन सीटों पर अपना दबदबा कायम रख पाएगी या इस बार I.N.D.I.A गठबंधन यहां कमाल करेगा.
इन सीटों पर जनता क्या फैसला देगी, इसकी तस्वीर तो 4 जून को ही साफ हो सकेगी, लेकिन 7वें चरण के इस मैच को जीतने के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, सभी अपने-अपने मुद्दे और वादे लेकर जनता के बीच गए. जनता को किसके मुद्दे में दम दिखा और किसके वादे खोखले लगे ये तो नतीजे ही तय करेंगे. फिलहाल हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ मुद्दे जिनके जरिये एनडीए और इंडिया गठबंधन ने सियासी समीकरण बैठाने की कोशिश की. साथ ही जानेंगे किसने लगाया कितना दम.
कितना मजबूत रहा बीजेपी का कैंपेन?
चुनाव के पहले और सातवें चरण के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 166 रैली और 19 रोड शो करके नंबर वन पर रहे तो गृहमंत्री अमित शाह 117 रैली और 25 रोड शो करके बीजेपी की तरफ से दूसरे बेस्ट प्लेयर बने. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 176 रैली और 12 रोड शो करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 77 रैली और 23 रोड शो के जरिये हवा बनाई.
प्रचार में इंडिया गठबंधन ने कितनी लगाई ताकत?
प्रचार के इस युद्ध में इंडिया गठबंधन भी पीछे नहीं रहा. राहुल गांधी ने 61 रैलियां और 2 रोड शो किए, जिसमें कई रैलियां अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के साथ थीं. प्रियंका गांधी ने 42 रैली और 12 रोड शो किए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बात करें उन्होंने कुल 46 रैलियां की. अरविंद केजरीवाल का रैली से ज्यादा रोड शो पर फोकस रहा और उन्होंने 2 रैली के अलावा 16 रोड शो किए.
मुद्दे जो चुनाव में हावी रहे
- बीजेपी मोदी की गारंटी को ब्रह्मास्त्र बनाकर लाई तो इंडिया गठबंधन ने न्याय की गारंटी आगे कर दी.
- बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण को मुद्दा बनाया तो इंडिया ने अधूरे मंदिर की बात कर इसे काटने की कोशिश की.
- बीजेपी ने विपक्ष को मंगलसूत्र के मोर्चे पर घेरा तो इंडिया गठबंधन सामाजिक एकरूपता की दुहाई देता नजर आया.
- प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की बात करते दिखे तो इंडिया गठबंधन ईडी, सीबीआई के दुरुपयोग हवाला देता रहा.
- बीजेपी ने कड़े फैसलों के लिए 400 पार जनादेश मांगा तो इंडिया गठबंधन ने इसकी काट में संविधान बदलने की बात कही.
- बीजेपी ने गरीबों को राशन और शौचालय की बात कही तो विपक्ष ने बेरोजगारी और महंगाई को मुद्दा बनाने पर जोर दिया.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कई मंचों से 20247 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने का रोडमैप दिया तो इंडिया गठबंधन ने किसानों की कर्ज माफी और एमएसपी पर ज्यादा फोकस किया.
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