Lok Sabha Elections 2024: पीलीभीत में खत्म हुआ गांधीराज, क्या बीजेपी बचा पाएगी सीट, जानें समीकरण
Lok Sabha Elections 2024: पीलीभीत से बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद को पार्टी ने पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट लगातार चर्चा में बनी हुई है. 2 बार के सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर भारतीय जनता पार्टी ने जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. जितिन कुछ समय पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में आए थे. यह सीट लंबे समय से बीजेपी के पाले में रही है. यहां से मेनका गांधी और वरुण गांधी चुनाव लड़ते रहे हैं. 30 साल से पीलीभीत में गांधी परिवार का जादू बरकरार है.
पीलीभीत लोकसभा सीट पर मेनका गांधी पहली बार 1989 में सांसद बनी थीं. 1996 से पीलीभीत सीट पर गांधी परिवार का कब्जा है. मेनका इस सीट से 6 बार और वरुण गांधी 2 बार सांसद बन चुके हैं. यहां मेनका का दबदबा इतना है कि उन्हें कोई पार्टी टिकट दे या नहीं, वह जीत हासिल कर लेती हैं. मेनका 2 बार इस सीट से निर्दलीय सांसद बन चुकी हैं.
क्या हैं जातीय समीकरण?
पीलीभीत में 25 फीसदी मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं. अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 17 फीसदी है. राजपूत भी यहां अच्छी संख्या में हैं. ऐसे में अगर अखिलेश के उम्मीदवार को मुस्लिम और एसटी वोट मिलते हैं तो जितिन प्रसाद की राह मुश्किल हो सकती है. 2019 में वरुण गांधी इस सीट पर 2.5 लाख वोट के अंतर से जीते थे.
कौन हैं भगवत सरण गंगवार
समाजवादी पार्टी ने अपने कद्दावर नेता भगवत सरण गंगवार को इस सीट से टिकट दिया है. भगवत अब भले ही बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन 1991 और 1993 में वह बीजेपी के टिकट पर ही नबाबगंज सीट से सांसद बने थे. 1996 में चुनाव हारने के बाद वह 2002 में समाजवादी पार्टी का हिस्सा बन गए.
साइकिल पर सवार होने के बाद वह 3 बार विधायक बने. 2017 और 2022 में उन्हें हार झेलनी पड़ी, लेकिन जितिन के लिए उन्हें हराना आसान नहीं होगा. वह 2 बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं और दोनों बार दूसरे स्थान पर रहे थे.
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