Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बीते अनुभव के बारे में बात की. साथ ही पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उन्होंने छोटी-छोटी सीख से बड़ी पॉलिसी कैसे बनाई. प्रधानमंत्री ने NDTV को दिए इंटरव्यू में यह बातें बताई.


पीएम मोदी ने कहा, ये मेरा सौभाग्‍य रहा है कि मैं परिव्राजक रहा हूं. इसलिए हिंदुस्‍तान के 90 प्रतिशत से ज्‍यादा डिस्ट्रिक ऐसे होंगे, जहां मैंने रात बिताई, ये मेरे राजनीतिक करियर से पहले की बात है. इस दौरान मैंने बिना रिजर्वेशन के ट्रेन में सफर किया और जनरल बोगी में खड़े होकर यात्राएं भी की. यहीं नहीं मैं पैदल भी घूमा हूं. मैं उसी से जुड़ा भी हूं और वहीं से बनकर निकला भी हूं. वो अनुभव बहुत बड़ा होता है, बहुत काम आता है.''


मेरे पास अनुभव का बहुत बड़ा खजाना है- पीएम मोदी


पीएम मोदी ने इंटरव्यू के दौरान कहा, ''मेरे पास अनुभव का बहुत बड़ा खजाना है. मैं हर एक चीज से सीखने की कोशिश करता हूं. मैं अपने आपको विद्यार्थी मानता हूं. इसलिए मैं एकेडमिक वर्ल्‍ड से सीखने का प्रयास करता हूं कि वो क्‍या सोचते हैं. मैं बहुत खुले मन का इंसान हूं, इसलिए दुनिया भर की चीजें और विदेशों से भी सिखता हूं.'' पीएम मोदी ने अपने जापान दौरे से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया.


पीएम मोदी ने सुनाया जापान से जुड़ा किस्सा


प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं एक बार जापान गया, उस समय मैं सीएम था. वहां मैं पैदल घूमा और कुछ चीजों पर मेरी नजर पड़ी. फुटपाथ पर मैंने कुछ गोल-गोल सा देखा तो किसी ने मुझे बताया कि ये चीज प्रज्ञाचक्षु लोगों के लिए बनाई गई है. मैंने इसकी फोटो ली और जब मैं वापस अहमदाबाद लौटा तो उसे मैंने यहां आकर फुटपाथ पर इसे बनाने का आदेश दिया. ताकि प्रज्ञाचक्षु लोगों को सहूलियत हो. इस तरह से कोई भी चीज सीखने का मन मेरा हमेशा रहता है.


पीएम मोदी कैसे बनाते हैं पॉलिसी


पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं जब पॉलिसी बनाता हूं तो उन सभी चीजों को लेकर काफी गहन विचार करता हूं. जब कोरोना के समय मुझसे सवाल किए गए तो मैंने लोगों के हितो में फैसले लिए. आज दुनिया लड़खड़ा रही है और हम बहुत तेजी और स्थिरता से चले हैं. इसलिए जब नीतियां बनती हैं तो आप एकेडमिक तराजू से उसे नहीं तोल सकते हैं. सिर्फ एक्‍सपीरियंस के दायरे में भी नहीं देख सकते हैं. मैं जो भी करूंगा अपने देश के लिए करूंगा. कंफ्यूज नहीं होना है. मेरा मानना है कि वो इंसान नीतियां सही बना सकता है, जिसका कोई नीति स्‍वार्थ नहीं होता है.


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