Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर I.N.D.I.A गठबंधन बनाया था. इस गठबंधन का उद्देश्य एनडीए सरकार को सत्ता से बाहर करना था, लेकिन चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले ही यह गठबंधन दम तोड़ रहा है. सीट शेयरिंग पर बात बिगड़ने के बाद क्षेत्रीय पार्टियों ने अपने-अपने राज्यों में उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया. इसके बाद यूपी में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाना भी शुरू कर दिया है.


समाजवादी पार्टी के साथ भी पहले सीट शेयरिंग पर बात बिगड़ी और अब राज्य में गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच गया है. समाजवादी पार्टी के नेता मनीष जगन अग्रवाल ने जिस तरह से कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं, उससे साफ है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक नहीं हैं. राहुल गांधी की न्याय यात्रा में अखिलेश का नहीं शामिल होना भी इसका संकेत है.


मनीष जगन अग्रवाल के आरोप
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर मनीष जगन अग्रवाल ने लिखा "समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को उसकी जमीनी हैसियत से कहीं अधिक 17 सीटें देने का फैसला कर लिया उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी इंडिया गठबंधन को तोड़ने पर अड़ी है. जो भी सीटें कांग्रेस अतिरिक्त मांग रही हैं वो सीटें कांग्रेस अपने चुनाव चिन्ह हाथ के पंजे पर जीत ही नहीं पाएगी. यूपी में वोट तो सिर्फ साइकिल सिंबल पर ही पड़ेगा. यही गलती और हठधर्मिता कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनावों में भी की थी, जबकि आरजेडी ने कांग्रेस की हठधर्मिता के कारण 70 विधानसभा सीटें दे दीं और परिणाम यह हुआ कि आरजेडी का विनिंग स्ट्राइक रेट ज्यादा था और कांग्रेस को मिली 70 सीट में से कांग्रेस सिर्फ 20 सीट ही जीत पाई और विनिंग स्ट्राइक रेट काफी खराब रहा और अंततः आरजेडी नीत सरकार वहां नहीं बन पाई."


उन्होंने आगे लिखा "दरअसल वोटर्स के बीच में सिंबल (चुनाव चिन्ह) और दल का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है जो कांग्रेस नहीं समझ रही क्योंकि धरातल पर कांग्रेस है ही नहीं. गठबंधन को नुकसान पहुंचाकर कांग्रेस के नेता भाजपा को सीधा लाभ पहुंचा रहे."


सभी दल कांग्रेस से परेशान
मनीष ने लिखा "आखिर क्या कारण है कि जुलाई 2023 में जिस इंडिया गठबंधन ने जो शानदार राष्ट्रव्यापी आकार लिया था, जिससे भाजपा घबराई थी और भाजपा के विरोधी वोटर्स ने भाजपा को हराने के लिए इंडिया गठबंधन के साथ जाना तय कर लिया था. ऐसे में पिछले 4 महीनों में कांग्रेस ने लगभग प्रत्येक राज्य में सीट शेयरिंग में पेंच फंसाया हुआ है और आज भी चुनाव सर पर होने के बावजूद सभी दल कांग्रेस के रुख से परेशान हैं और इंडिया गठबंधन का काफी नुकसान कांग्रेस ने कर दिया है। कांग्रेस और निष्पक्ष लोग कांग्रेस और उसके नेताओं की भूमिका की समीक्षा करें."

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