Lok Sabha Elections 2024: आपके सिर पर कितना कर्ज? सपा प्रवक्ता का दावा उड़ा देगा हर भारतीय के होश
Vote Bhavishya Ka: सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि जब हमारा कोई विकास नहीं हुआ, जब हम वहीं के वहीं खड़े हैं तो सरकार ने हमारे ऊपर इतना कर्ज क्यों लाद दिया. इन रुपयों का क्या हुआ.
Lok Sabha Election 2024 Phase 5 Polling: लोकसभा चुनाव 2024 के चार चरण बीत चुके हैं और पांचवें चरण का मतदान आज (20 मई 2024) हो रहा है. चुनाव में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है. एबीपी न्यूज भी ‘वोट भविष्य का’ नाम से एक खास अभियान चला रहा है.
इस अभियान के तहत हुए कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार और राज्य सरकार से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों के सामने भारत के कर्ज से जुड़ा आंकड़ा भी रखा.
'अब भ्रष्टाचार की बात जनता कर रही है'
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने सबसे पहले कहा कि समाज के अंदर जनता अगर भ्रष्टाचार पर सवाल उठा रही है तो उसकी क्रेडिबिलिटी पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. भ्रष्टाचार की बात तो जनता कर रही है, सरकार तो कर नहीं रही है. सरकार तो बस अच्छी-अच्छी बातें गिना रही है.
नई सरकार ने किया 150 लाख करोड़ का कर्ज
भदौरिया ने दावा करते हुए कहा कि सरकार से सबसे बड़ा सवाल देश का तेजी से बढ़ता कर्ज है. जब देश में 70 साल तक दूसरे दलों की सरकार रही तब भारत पर 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. केंद्र में पिछले 10 साल में भारतीय जनता पार्टी ने राज किया तो देश पर करीब 205 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. इस नई सरकार ने हम पर 150 लाख करोड़ रुपये का नया कर्ज 10 साल में ही थोप दिया है. इस कर्ज को अगर देश के एक-एक नागरिक पर बांटें तो हर आदमी के सिर पर करीब 1 लाख 40 हजार रुपये का कर्ज है.
'डॉलर इतना पतला हो गया कि दिखाई नहीं पड़ रहा'
अनुराग भदौरिया ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमतों को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब बीजेपी कहती थी कि डॉलर के मुकाबले रुपया पतला हो रहा है. हम सत्ता में आए तो सब ठीक कर देंगे, लेकिन अब इनकी सरकार में रुपये की कीमत 83 हो गई है. अब यह इतना पतला हो गया है कि रुपया दिखाई नहीं पड़ रहा है.
'यह सरकार मुद्दों पर बात नहीं करती, सिर्फ ध्यान भटकाती है'
अनुराग भदौरिया ने आगे कहा कि इनसे अगर कोई सवाल पूछो तो जवाब की जगह पिछली सरकार को कोसने लगते हैं. कहने लगते हैं कि ऐसा 1970 में हुआ, 1980 में हुआ, 1990 में हुआ, लेकिन मुद्दे पर बात नहीं करेंगे. यह सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मुद्दों पर बात नहीं करते हैं.
ये भी पढ़ें