Loksabha Election Survey & Result: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लगभग एक साल का ही समय बचा है. सभी दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी बीच चुनाव को लेकर एक सर्वे आया है. इसमें एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने का दावा किया गया है. सर्वे के आंकड़ों का विश्लेषण तो हम करेंगे ही, साथ ही ये भी जानेंगे कि ये सर्वे जमीन पर कितना सही साबित होगा.


सी वोटर और इंडिया टुडे ने मूड ऑफ द नेशन नाम से एक सर्वे किया है. ये सर्वे साल में दो बार किया जाता है. ताजा सर्वे के आंकड़े जनवरी 2023 के आखिर में जारी किए गए. इसमें 1 लाख 39 हजार से अधिक लोगों हिस्सा लिया. सर्वे के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी नीत एनडीए की सरकार बनेगी. हालांकि, एनडीए की सीटें कम हुई हैं लेकिन वह बहुमत को पार कर रहा है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की सीटें बढ़ी हैं. सर्वे के आंकड़े असल चुनाव के नतीजों से कितना सटीक बैठेंगे, फिलहाल हम यह समझने की कोशिश करते हैं.


2019 चुनाव से पहले सर्वे
सर्वे के नतीजों और चुनाव के नतीजों में फर्क समझने के लिए 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखना होगा. 2019 चुनाव में सी वोटर समेत कई एजेंसियों ने एनडीए को नुकसान का अनुमान लगाया था. चुनाव से पहले हुए कई सारे सर्वे और ओपिनियन पोल इस तरफ इशारा कर रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी की सीटें 272 के आंकड़े से नीचे आ सकती है. एबीपी सी वोटर के सर्वे में एनडीए को 233 सीट मिलने का अनुमान था, जबकि यूपीए को 167 सीट मिल रही थी. यानी, सर्वे में किसी को भी बहुमत मिलता नहीं दिख रहा था.


2019 में क्या रहे थे नतीजे?
जब 2029 के आम चुनाव के नतीजों नजर डालते हैं तो बिल्कुल ही हैरान करने वाली तस्वीर नजर आती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 351 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल किया था, जबकि यूपीए को 90 सीट मिली थी.


पार्टियों की बात करें तो बीजेपी को 303 सीट मिली. कांग्रेस को 52. डीएमके को 23, टीएमसी को 22, एआईटीसी को 22, वाईएसआर को 22 सीट मिली थी. 


2024 चुनाव से पहले सर्वे क्या कहता है
ताजा सर्वे के मुताबिक एनडीए को 298 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है. कांग्रेस की सीटों की संख्या पिछली बार के मुकाबले बढ़ी है और उसे 153 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. सर्वे में अन्य दलों को 92 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. सर्वे के नतीजे कितने सटीक साबित होते हैं, इसके लिए चुनाव का इंतजार करना होगा. साथ ही ये भी ध्यान रखना होगा कि अभी चुनाव में 1 साल का वक्त है. ऐसे में जनता का मूड भी बदल सकता है.


सर्वे कैसे किया जाता है?
सर्वे करने वाली एजेंसी या संस्था विभिन्न माध्यमों से विभिन्न क्षेत्रों में लोगों से जुड़ती है. इस दौरान लोगों को सवालों की एक लिस्ट दी जाती है जिस पर सर्वे में शामिल होने वाले लोग जवाब देते हैं. इन जवाबों के आधार पर आंकड़े तैयार किए जाते हैं. 


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