Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है. श्रीनगर में सोमवार (30 जनवरी) को भारत जोड़ो यात्रा का समापन समारोह होना है. कांग्रेस की ओर से हमेशा ही कहा जाता रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य सियासी नहीं है. यह बस देश के लोगों को जोड़ने के लिए निकाली गई एक यात्रा भर है. हालांकि, राजनीतिक पंडितों की इस पर अपनी अलग राय थी.


इन लोगों का मानना था कि राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा के जरिये कांग्रेस अपना सियासी हित साध रही है. साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. भारत जोड़ो यात्रा का क्या उद्देश्य था, इसी सवाल पर हाल ही में सी-वोटर और इंडिया टुडे का एक सर्वे सामने आया था. जिसमें जनता ने इस यात्रा को लेकर अपनी राय जाहिर की थी.


भारत जोड़ो यात्रा ने बनाया सियासी माहौल, लेकिन वोट नहीं मिलेंगे?


सी-वोटर और इंडिया टुडे के इस सर्वे में सामने आया था कि भारत जोड़ो यात्रा से लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. सर्वे में भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े एक सवाल पर 37 फीसदी लोगों का मानना था कि यात्रा ने सियासी माहौल बनाया है लेकिन इससे चुनाव जीतने में मदद नहीं मिलेगी. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी और उसकी सियासत पर काफी तीखे सवाल खड़े किए थे. 


लोगों से जुड़ने का बेहतरीन तरीका थी भारत जोड़ो यात्रा?


इस सर्वे में भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर 29 फीसदी लोगों इसे बड़े स्तर पर लोगों से जुड़ने का अच्छा तरीका बताया. वहीं, 13 फीसदी लोगों ने इस यात्रा को राहुल गांधी की इमेज का मेकओवर करने की कोशिश बताया. इन लोगों का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की इमेज बदलने का प्रयास किया गया है. 


कांग्रेस को मिलेगा यात्रा का कितना फायदा?


सर्वे के मुताबिक, 9 फीसदी का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को किसी तरह का फायदा नहीं मिलने वाला है. ये फायदा सियासी और राहुल गांधी की इमेज सुधारने से भी जुड़ा हो सकता है. हालांकि, सर्वे में शामिल लोगों ने इस पर अपनी स्पष्ट राय नहीं रखी. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शुरुआत से ही कई विवाद जुड़े रहे और दिग्विजय सिंह जैसे कुछ नेताओं के बयानों ने भी इसे लेकर विवाद खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.


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