लोकसभा चुनाव 2024: टीएमसी, वाईएसआर, शिवसेना और बसपा बनेंगे गेम चेंजर, जाने कौन कितना मजबूत
Lok Sabha Elections 2024: पिछले लोकसभा चुनाव को देखा जाए तो बीजेपी (301) और कांग्रेस (53) के बाद सर्वाधिक सीटें ममता बनर्जी की टीएमसी (24) के पास सीटें थीं.
Lok Sabha Elections 2024: अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षियों ने इंडिया महागठबंधन बनाया है. इसी के आधार पर पीएम पद के दावेदारों में से एक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने कर्नाटक में मंच से नया नारा दिया है. ‘इंडिया जीतेगा एनडीए हारेगा’. इसके अलावा उन्होंने ‘भारत जीतेगा बीजेपी हारेगी’ की हुंकार भरते हुए मोदी सरकार को बड़ी चुनौती भी दी है.
निर्णायक भूमिका में रहेंगे ये दल आगामी आम चुनाव में देखा जाए तो सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष, सरकार बनाने में 6 प्रमुख दलों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है. इनमें सबसे ऊपर नाम तृणमूल कांग्रेस का ही आता है. इसके अलावा जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर सीपी, द्रमुक, शिवसेना, जदयू और बसपा शामिल हैं. इनके अलावा अन्य पार्टियां भी हैं. अगर सरकार बनाने में मामला नजदीक हुआ तो उनका रोल भी महत्वपूर्ण हो जाएगा. इनमें एक बीजद और दूसरी बसपा है.
किसके पास हैं कितनी सीटें?
अगर पिछले लोकसभा चुनाव को देखा जाए तो बीजेपी (301) और कांग्रेस (53) के बाद सर्वाधिक सीटें तृणमूल कांग्रेस यानी ममता बनर्जी (24) के पास सीटें थीं. इस लिहाज से इस इंडिया महागठबंधन में द्रमुक, शिवसेना, और जदयू से ज्यादा वजन ममता बनर्जी का ही दिखाई पड़ रहा है. संप्रग गठबंधन में शामिल द्रमुक के पास भी पिछली बार 24 सीटें आईं थीं.
वहीं संप्रग में शामिल शिवसेना को 19 सीटें मिलीं थीं. पिछली बार ममता संप्रग के गठबंधन में शामिल नहीं थीं. वहीं जदयू पिछले आम चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. वहीं बसपा किसी के साथ नहीं थी. बसपा को पिछले चुनाव में 10 सीटों पर विजय मिली थी.
कौन है किसके साथ?
हालिया चुनावी समीकरण देखा जाए तो इस समय भी राजग का कुनबा मजबूत नजर आ रहा है. जदयू और ममता के इंडिया महागठबंधन के साथ जाने के बाद भी महाराष्ट्र में राकांपा और शिवसेना की टूट से बीजेपी को फायदा मिलता दिख रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के बीजेपी के साथ जुड़ने से समीकरण काफी कुछ बदल गए हैं.
इसके अलावा जिस तरह से मायावती ने चुप्पी साध रखी है. उसे देखकर भी यही लग रहा है कि मौका देखकर वह भी किसी भी तरफ झुक सकती हैं. फिलहाल यूपी की राजनीति को देखते हुए उनके बीजेपी के साथ जाने की उम्मीद अधिक नजर आ रही है, बाकी समय बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा. बीजद का भी रुझान बीजेपी की तरफ ही दिखाई देता है. हालांकि पिछली बार वह किसी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ी थी.
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव से साफ होगी तस्वीर
इस साल के अंत में तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनाव से आगे लोकसभा के चुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी. ये चुनाव राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने हैं. इन तीनों राज्यों में लोकसभा की कुल 65 सीटों में चुनाव होंगे.
मध्यप्रदेश, जहां बीजेपी की सरकार है वहां 29 लोकसभा सीटें हैं. जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में 25 लोकसभा और छत्तीसगढ़ में 11 सीटों पर अगले साल चुनाव होंगे.
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