Thiruvananthapuram Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान भले ही निर्वाचन आयोग (इलेक्शन कमीशन) ने अभी नहीं किया हो लेकिन राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों की घोषणा करके अपना-अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. इस बार का चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है. कई लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर दिग्गजों के बीच टक्कर देखने को मिलेगी. इन्हीं में से एक सीट है केरल की तिरुवनंतपुरम.


इस सीट से कांग्रेस सांसद और मशहूर शख्सियत शशि थरूर साल 2009 से लगातार जीतते आए हैं. वहीं, अपने विजयरथ पर सवार सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को इस बार मैदान में उतारा है. खास बात ये है कि ये दोनों ही नेता नायर समुदाय से आते हैं. ऐसे में नायर समुदाय के सामने दुविधा हो सकती है क्योंकि इन दोनों ही नेताओं की नायर समुदाय तारीफ कर चुका है.


क्या है नायर समुदाय की मुश्किल?


दरअसल, जब चन्द्रशेखर को नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया तो कुछ नायर संगठनों ने अपनी सरकार में नायर समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए खुले तौर पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया था. वहीं, शशि थरूर के हिंदू नायर समुदाय की प्रमुख संस्था नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के साथ भी अच्छे संबंध हैं.


एनएसएस ने पिछले साल संस्थापक और समाज सुधारक मन्नाथु पद्मनाभन की जयंती समारोह का उद्घाटन करने के लिए शशि थरूर को आमंत्रित किया था. एक लंबे गैप के बाद किसी कांग्रेस नेता को समारोह का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. एनएसएस महासचिव जी सुकुमारन नायर ने पहले थरूर का 'दिल्ली वाले नायर' कहकर मजाक उड़ाया था, लेकिन बाद में उन्होंने यहां तक कहा कि वह अपनी गलती सुधार रहे हैं.


डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा था, "शशि थरूर केरल के बेटे और वैश्विक नागरिक हैं. मन्नम जयंती समारोह का उद्घाटन करने के लिए उनके जितना सक्षम कोई अन्य व्यक्ति नहीं है."  


वहीं, जब राजीव चंद्रशेखर ने एनएसएस महासचिव से उनका आशीर्वाद लेने के लिए मुलाकात की तो नायर ने इस बैठक को लेकर मीडिया के सामने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. नायर समुदाय केरल में दूसरा सबसे बड़ा हिंदू समुदाय है और इस समुदाय की तिरुवनंतपुरम में अच्छी खासी तादात है.


तिरवनंतपुरम में होगी कांट की टक्कर?


इस सीट के पिछले दो बार के चुनावों के नतीजों को अगर देखें तो 2014 और 2019 में बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है. 2014 में शशि थरूर को ओ राजगोपाल से जबरदस्त टक्कर मिली थी और वो मामूली अंतर से जीत पाए थे. बीजेपी को इस बार जीत की उम्मीद है और शायद इसीलिए पार्टी ने राजीव चंद्रशेखर को शशि थरूर के खिलाफ मैदान में उतारा है.


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