Amethi Political Scenario: कांग्रेस ने गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट से लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कैंडिडेट का ऐलान कर दिया. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में प्रतिनिधि और इलेक्शन मैनेजमेंट के इंचार्ज रहे किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया गया है.
उनके सामने 2019 में इस सीट पर राहुल गांधी को हराने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बीजेपी की उम्मीदवार हैं. जबकि इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नन्हें सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है. सपा-कांग्रेस गठबंधन की वजह से समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारा. बावजूद इसके यहां त्रिकोणीय मुकाबला है. केएल शर्मा लंबे समय से कांग्रेस और उसके चुनाव मैनेजमेंट से जुड़े रहे हैं. उनके के सामने गांधी परिवार का खोया गढ़ वापस पाने की चुनौती है. यहां 20 मई को मतदान होना है.
क्या है अमेठी का जातिगत समीकरण?
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेठी लोकसभा सीट के जातिगत समीकरणों की बात करें तो यहां सबसे अधिक आबादी ओबीसी वर्ग की है. अमेठी लोकसभा क्षेत्र में करीब 34 फीसदी ओबीसी वर्ग के मतदाता हैं. जबकि दलित वर्ग के मतदाताओं की तादाद करीब 26 फीसदी है. अनुमान के मुताबिक यहां करीब आठ फीसदी ब्राह्मण, करीब 12 फीसदी राजपूत मतदाता हैं. यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20 फीसदी है. 2019 के चुनाव के मुताबिक, अमेठी लोकसभा में कुल वोटरों की संख्या 17 लाख 16 हजार 102 है. इसलिए हद से समझे तो मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 3.5 लाख है.
2019 में स्मृति ने राहुल गांधी को हराया था
2019 लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने यहां से राहुल गांधी को हराकर इतिहास रचा था. सीधे मुकाबले में स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को 55120 वोटों से हरा दिया. स्मृति इरानी को 468514 वोट मिले. जबकि राहुल गांधी को 413394 वोट मिले.
स्मृति इरानी के अमेठी से चुनाव जीतने के बाद से लगातार अमेठी में बीजेपी मजबूत होती गई. इसका परिणाम पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं. लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी एक भी सीट पर नहीं थी वही 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने गौरीगंज छोड़कर बाकी सभी सीटों पर कब्जा जमा लिया. 2017 में कांग्रेस का खाता नहीं खुला. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने लोकसभा की 5 सीटों में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की. दो सीटें सपा के खाते में गई.
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