Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार (दो अप्रैल, 2024) को लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी की ओर से बांटे गए टिकटों में मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने के सवाल को टाल दिया. उन्होंने इस दौरान अल्पसंख्यक समुदाय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श वाक्य पर यकीन करने की अपील की. 


बिहार की राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "संसद में अधिक मुसलमानों का होना उनके कल्याण की कोई गारंटी नहीं है. जब पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तो शायद लोकसभा और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सबसे ज्यादा था और उसी समय बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी."


बिहार को लेकर क्या बोले सैयद शाहनवाज हुसैन?


बिहार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- वहां राजग का एक मुस्लिम उम्मीदवार है जिसका भाजपा समर्थन करेगी. जहां तक हमारी पार्टी की बात है तो हम सिर्फ 17 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. हम हर जाति और धर्म को प्रतिनिधित्व नहीं दे सकते.


जहां से लड़े थे शाहनवाज हुसैन, वह निवार्चन क्षेत्र अब किसके पास?


हुसैन ने 1990 के दशक में राज्य की किशनगंज सीट से जीत दर्ज करके लोकसभा में पदार्पण किया था और वह मुस्लिम बहुल उक्त सीट जीतने वाले एकमात्र भाजपा उम्मीदवार बने थे. यह निर्वाचन क्षेत्र अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पास है जो भाजपा की सहयोगी पार्टी है. एक दिन पहले जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम ने नामांकन पत्र दाखिल किया.


सासाराम के छेदी पासवान को लेकर इशारों में कह दी यह बात


भाजपा और सामान्य रूप से राजग में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व आनुपातिक रूप से कम होने के बारे में उन्होंने कहा, "यह कोई राशन की दुकान नहीं है जहां आप कोटा तय कर सकते हैं". हुसैन ने उन असंतुष्ट सांसदों के प्रति भी नाराजगी जताई जिन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है और वे पार्टी के खिलाफ भड़ास निकाल रहे हैं. उनका इशारा मुजफ्फरपुर के अजय निषाद, जो कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, और सासाराम के छेदी पासवान की तरफ था जिनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है.


नहीं कह सकता कि पार्टी ने मेरे साथ अन्याय किया: शाहनवाज हुसैन


हुसैन (वर्तमान में संसद या राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं) ने आगे बताया, "मैं यह नहीं कह सकता कि पार्टी ने मेरे साथ अन्याय किया है. मैं छह बार सांसद रहा हूं. मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र का मंत्री था. एक रिकॉर्ड जो अटूट है. इसके बाद मुझे राज्य मंत्रिमंडल में सेवा देने और राज्य मंत्रिपरिषद का सदस्य बनने का मौका मिला. अब भी पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में मीडिया को संबोधित करने का मौका दिया है. केवल इसलिए कि पार्टी ने दो बार सांसद बनने का मौका देने के बाद इस बार किसी और को मौका दे दिया है, इसलिए पार्टी के खिलाफ निंदा करना बेहद निंदनीय है."


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