Lok Sabha Elections: सियासी समर में कहां हैं कमलनाथ? सक्रियता पर उठे सवाल, कांग्रेस आलाकमान से नाराजगी की चर्चा
Kamal Nath In Lok Sabha Elections: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर मध्य प्रदेश की जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर वह दिखाई क्यों नहीं दे रहे हैं.
Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ इस बार के लोकसभा चुनाव में पिछले चुनावों जैसे सक्रिय नजर नहीं आए. यही कारण है कि उनकी कम हुई सक्रियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं. कभी कमल नाथ के करीबी रहे और वर्तमान में भाजपा नेता सैयद जाफर ने कमल नाथ और हाईकमान के बीच बढ़ती दूरी की तरफ इशारा किया है.
सैयद जाफर ने कमलनाथ के प्रदेश और देश में चुनाव के दौरान ज्यादा सक्रिय न रहने का जिक्र करते हुए एक्स पर लिखा, आखिर क्यों देश और प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों से गायब हैं कमल नाथ. न मध्य प्रदेश में दिख रहे, न देश में. छिंदवाड़ा चुनाव के बाद कमलनाथ ने देश-प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में चुनाव प्रचार क्यों नहीं किया. क्या कांग्रेस आलाकमान और कमल नाथ के बीच दूरियां बढ़ी हैं.
पुरानी तस्वीरें की साझा
सवालिया अंदाज में सैयद जाफर ने आगे लिखा, कांग्रेस की गतिविधियों में क्यों सक्रिय नहीं हैं कमल नाथ. कमल नाथ और कांग्रेस आलाकमान के बीच सब ठीक तो है न? सैयद जाफर ने एक्स पर गांधी परिवार और कमलनाथ के रिश्तों को दर्शाने वाली कई तस्वीरें भी साझा की हैं. कमलनाथ इन तस्वीरों में इंदिरा गांधी, संजय गांधी के साथ नजर आ रहे हैं. किसी दौर में सैयद जाफर की पहचान कमलनाथ के करीबी नेताओं में हुआ करती थी.
सैयद जाफर ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का थामा दामन
जाफर लगभग तीन दशक से सियासी तौर पर सक्रिय हैं और उन्हें कमलनाथ के प्रतिनिधि के तौर पर छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में पहचाना जाता रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले जाफर ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर जीत दर्ज करने के लिए खास रणनीति बनाई और उसी के चलते कमल नाथ के कई करीबी भाजपा में शामिल हुए.
29 में से 28 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी
इनमें पूर्व विधायक दीपक सक्सेना और विधायक कमलेश शाह सहित कई अन्य नेता शामिल हैं.इस बड़े दल बदल के कारण छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का चुनाव काफी रोचक रहा. राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं और पिछले चुनाव में भाजपा को 28 स्थान पर जीत मिली थी. वहीं सिर्फ एक स्थान छिंदवाड़ा कांग्रेस के खाते में आया था.
इस बार छिंदवाड़ा से किसकी होगी जीत
छिंदवाड़ा को कांग्रेस और कमल नाथ के गढ़ के तौर पर पहचाना जाता है, लिहाजा भाजपा ने छिंदवाड़ा को जीतने के लिए सारा जोर लगाया. अब 4 जून को पता चलेगा कि छिंदवाड़ा किसके पाले में जाता है.