Lok Sabha Elections 2024: जयशंकर को लेकर क्यों हुई थी सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह में 'नोंक-झोंक'
S. Jaishankar On Foreign Secretary: विदेश मंत्री एस. जयशंकर 2015 से लेकर 2018 तक विदेश सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं. साल 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया.
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S Jaishankar Interview: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजने के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियां एलर्ट मोड पर हैं. इस चुनावी घमासान के बीच पुरानी सरकारों के किस्से भी सामने आ रहे हैं. यूपीए-2 सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूदा विदेश मंत्री एस. जयशंकर को विदेश सचिव बनाना चाहते थे लेकिन उनकी ये मंशा अधूरी ही रह गई. उस समय खबरें सामने आईं थीं कि सोनिया गांधी के दखल के चलते मनमोहन सिंह की ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई.
इस बात की चर्चा चुनावी माहौल में इसलिए हो रही है क्योंकि हाल ही में एस. जयशंकर ने लल्लनटॉप को एक लंबा इंटरव्यू दिया, जिसमें उनसे इस घटना का जिक्र करते हुए सवाल किया गया कि अगस्त 2013 में पीएम मनमोहन सिंह चाह रहे थे कि जयशंकर विदेश सचिव बनें लेकिन सोनिया गांधी ऐसा नहीं चाह रहीं थीं. क्या इस बात में कोई सच्चाई है?
जानिए एस जयशंकर ने क्या दिया जवाब?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता. इस प्रश्न का मैं उत्तर नहीं दे सकता क्योंकि मुझे इतना ही पता है कि मैं उस वक्त चीन में मौजूद था. इसमें कोई रहस्य की बात नहीं है. जब भी विदेश सचिव की नियुक्ति होती है तो परंपरा के मुताबिक दो तीन नाम दे दिए जाते हैं. अगर न भी हों तो तीन चार नाम तो मीडिया वाले ही चला देते हैं. उस समय भी ऐसा ही हुआ लेकिन सरकार को जो ठीक लगा वो उन्होंने किया.”
उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ मनमोहन सिंह ही नहीं बल्कि कोई प्रधानमंत्री इस तरह के काम नहीं करता कि वो बताएं कि मैंने ये सोचा था और ये किया या फिर आपको ये बना दिया या किसी और को कुछ. वो प्रधानमंत्री हैं और उनको अपने निर्णय लेने का हक है.”
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा, ”हमारे परिवार में किसी ने भी इस तरह की भावना के साथ कभी भी काम नहीं किया कि आज इस सरकार के साथ हैं तो कल उस सरकार के साथ. मेरे पिताजी भी एक गैर राजनीतिक व्यक्ति थे.”
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