Lok Sabha Elections 2024: क्या मनोज तिवारी के सामने कन्हैया कुमार जीत पाएंगे? योगेंद्र यादव बताया कितना है चांस
Yogendra Yadav On Kanhaiya Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आने वाले हैं. उससे पहले अभी आखिरी चरण के लिए 1 जून को वोटिंग होनी बाकी है.
Yogendra Yadav On Kanhaiya Kumar Winning Possibility: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सातवें और आखिरी चरण के लिए कल यानि शनिवार, 1 जून को वोटिंग होनी है. 4 जून को नतीजे आने के बाद पता चल जाएगा कि केंद्र में किस पार्टी की सरकार बनने वाली है. उससे पहले चुनावी विश्लेषक अपना-अपना अनुमान लगाने लगे हैं. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने दिल्ली की सातों सीटों के बारे में बताया.
इंडिया टुडे से जुड़े न्यूज तक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने दूसरे राज्यों में जाकर 100 से अधिक लोगों से बात की है, उस तरह से दिल्ली में घूमे नहीं हैं. उस हिसाब से दिल्ली की सीटों पर अनुमान लगा पाना बेहद मुश्किल है. इतना जरूर है कि अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद, फिर जेल से बाहर आने तक माहौल बदला हुआ था लेकिन स्वाति मालीवाल का सामने आने के बाद माहौल एकदम उलट गया.
योगेंद्र यादव ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “दिल्ली और बंगाल की सीटों को लेकर इतना कॉन्फिडेंट नहीं हूं. इसके पीछे की वजह से ये है कि इन राज्यों में न तो इतना घूमे हैं और न ही लोगो से बात की है. तो ऐसे में सिर्फ एक अनुमान बताया जा सकता है. दिल्ली में 20 प्रतिशत वोटर ऐसा है जो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए वोट करता है और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए. कांग्रेस का दिल्ली के अंदर बहुत ही छोटा आधार है.”
योगेंद्र यादव ने आगे बताया, “दिल्ली में आप के सामने चुनौती ये रही कि जो वोटर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वोट करता है उसको लुभाने की कोशिश कर सकती थी. उसने की भी जब अरविंद केजरीवाल जेल चले गए और फिर जेल से बाहर आए तो एक संभावना रही कि वो वोटर आप की तरफ आ सकता है लेकिन फिर स्वाती मालीवाल वाली कंट्रोवर्सी हो गई. अब ये मामला लोगों के जहन में कहां तक पहुंचा, इसका अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है.”
कन्हैया कुमार को लेकर क्या बोले योगेंद्र यादव
उन्होंने कहा, “फिलहाल ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा कि विपक्ष 7 सीटें जीत जाए. नॉर्थ ईस्ट में कन्हैया कुमार जीत जाएं ये तो मैं चाहता हूं लेकिन हालात मुश्किल हैं. अगर वो जीतकर संसद पहुंच जाएं तो एक अच्छी चर्चा सदन में हो सकती है और उनके नाम को लेकर इतना झूठ चलाया गया वो भी साफ होगा.”
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