17वीं लोकसभा में सबसे कम उत्पादकता वाला रहा वर्तमान सत्र, 96 में से 75 घंटे नहीं हो सका कामकाज
Monsoon Session: जासूसी कांड और कृषि क़ानूनों की वापसी के मुद्दे पर हुए हंगामें के चलते लोकसभा में लगातार काम बाधित हुआ . लेकिन हंगामें के बीच ही सरकार ने अपने कई बड़े बिल भी पारित करवा लिए .
Monsoon Session: लोकसभा की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई . 13 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र का तय समय से दो दिन पहले ही समापन कर दिया गया . इसका कारण मुख्य तौर पर विपक्षी दलों द्वारा पेगासस जासूसी कांड पर किया गया हंगामा रहा . हालांकि कृषि क़ानूनों को वापस लिए जाने का मुद्दा भी उठता रहा . सदन की समाप्ति के बाद लोकसभा स्पीकर ने माना कि इस सत्र में अपेक्षा के अनुरूप कामकाज नहीं हो सकता और इसका उन्हें खेद है .
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कोशिश थी कि सदन पहले की तरह चलता और सब विषयों पर चर्चा और संवाद होता. सभी सदस्य चर्चा करते, जनता के विषय रखते. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया.’’
बिरला ने कहा कि वे परंपराओं के अनुरूप सत्र से पहले सभी दलों के नेताओं से चर्चा करते हैं और उनके मुद्दे जानने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि गतिरोध वाले कुछ मुद्दों पर वह दलों के नेताओं से चर्चा करते हैं और समाधान निकालने का प्रयास करते हैं. इस दिशा में प्रयास किये गए लेकिन कई मुद्दों पर सफलता नहीं मिली.
कितने घंटे हुआ काम?
इस सत्र के दौरान 17 बैठकें हुईं जिसमें 21 घण्टे 14 मिनट का काम हुआ. सत्र के लिए नियत 96 घण्टे में से कुल 74 घण्टे 46 मिनट तक काम नहीं हो सका. इस दौरान लोकसभा में कुल 20 बिल पारित किए गए. 66 मौखिल प्रश्नों के उत्तर दिए गए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए. जो प्रमुख बिल पारित किए गए उनमें ओबीसी से जुड़ा संविधान संशोधन भी शामिल है.
एक अन्य सवाल के जवाब में ओम बिरला ने कहा कि यह चिंता की बात है कि करोड़ों रूपये संसद की कार्यवाही पर खर्च होते हैं और जब सदन नहीं चलता है तब जनता दु:खी होती है. इसके कारण मुझे भी दु:ख होता है.