लोकसभा ने वायुयान संशोधन विधेयक 2020 को दी मंजूरी, नियमों के उल्लंघन पर 1 करोड़ रु. तक जुर्माने का है प्रावधान
नियमों के उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रूपये से बढ़कर एक करोड़ रूपये कर दिया गया है. वायुयान संशोधन विधेयक 2020 लोकसभा में ध्वनिमत से पास हुआ.
नई दिल्ली: लोकसभा ने मंगलवार को वायुयान संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी, जिसमें नियमों के उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रूपये से बढ़कर एक करोड़ रूपये कर दिया गया है. निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश का निर्णय इच्छा से नहीं लिया गया है बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस विमानन कंपनी को हो रहे नुकसान सहित विभिन्न स्थितियों एवं आयामों पर विचार करने के बाद लिया गया.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर देश-दुनिया में विमानन कंपनियां दबाव में हैं. उन्होंने कहा कि भारत में ही मांग में 20 से 30 प्रतिशत की गिरावट आई है, उम्मीद है कि देश में विमानन क्षेत्र जल्द ही इस स्थिति से बाहर निकल जायेगा.
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए वायुयान संशोधन विधेयक 2020 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी, पुरी ने एयर इंडिया का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व में इसकी स्थिति सुधारने के लिए 30 हजार करोड़ रूपये लगाए गए. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी प्रति वर्ष 7 से 8 हजार करोड़ रूपये के नुकसान होने की स्थिति है.
मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के फैलने से पहले एयर इंडिया को प्रतिदिन 26 करोड़ रूपये का नुकसान हो रहा था और इसके बाद यह और बढ़ने की आशंका है. उन्होंने एयर इंडिया के कर्मियों के हितों की सुरक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि जो भी एयर इंडिया को खरीदेगा, उसे भी कर्मियों की जरूरत होगी. देश में एयर ट्रैफिक नियंत्रक (एटीसी) की कमी के संबंध में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश में अभी 3500 पात्र एटीसी हैं. पिछले 2-3 वर्षों में 1000 लोगों की भर्तियां की गई है जबकि अगले वर्ष 250 एटीसी नियुक्त किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि एटीसी एवं अन्य कर्मियों की कमी नहीं है और इनकी नियुक्ति एक सतत प्रक्रिया है. विमान किराए का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि नागर विमानन सेवा के तहत विमान किराया सरकार तय नहीं करती है. उन्होंने कहा कि यह भी देखना होगा कि 20 वर्ष पहले मुंबई से दिल्ली का हवाई किराया 5000 रूपये था और आज 20 वर्ष बाद यह 4800 रूपये है.
उन्होंने कहा कि आज 100 में से 7 से 8 लोग ही हवाई यात्रा करते हैं और इसे बढ़ाकर 15 किये जाने की जरूरत है. इन सभी स्थितियों पर विचार करते हुए हमें हवाई किराया और एयरलाइन को भी वहनीय बनाना है. नागर विमानन मंत्री ने कहा, ''जहां तक एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर कर को व्यवहारिक बनाने की बात है तो इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए. इस संबंध में जीएसटी परिषद की बैठक बुलाई जाए और इस पर विचार किया जाना चाहिए.''
वायुयान संशोधन विधेयक 2020 में सेना, नौसेना या वायु सेना से भिन्न संघ के सशस्त्र बलों से संबंधित वायुयानों को वायुयान अधिनियम 1934 के कार्य क्षेत्र से बाहर रखने का प्रावधान किया गया है. विधेयक में नागर विमानन महानिदेशालय, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो और वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो के पदों को परिभाषित किया गया है. इसमें केंद्र सरकार को अधिनियम के अधीन नागर विमानन महानिदेशालय, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो और वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो गठित करने के लिए अधिकार दिए गए हैं.
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