नई दिल्ली: देश में हथियार रखने के नियम और नियंत्रण को सख्त करने वाले आयुध संशोधन विधेयक 2019 को लोकसभा ने मंजूरी दे दी. संसद के दोनों सदनों से इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद जहां अवैध असलहे का कारोबार करने वालों को न केवल आजीवन कैद जैसी सज़ा मिल सकेगी बल्कि लाइसेंसशुदा हथियारों की संख्या भी नियंत्रित होगी. नए कानून के तहत जहां अवैध हथियार बनाने, उन्हें बेचने और रखने पर आजीवन कैद जैसी सजा भी हो सकेगी. बल्कि शादी-बारात या किसी उत्सव के दौरान खुशी में फायरिंग करने वालों के लिए भी सज़ा का प्रावधान किया गया है.


सदन में विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में नागरिक सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि देश में हथियारों की संख्या को नियंत्रित किया जाए. उन्होंने कहा कि खुशी से फायरिंग की घटनाओं में अकेले 2016 में 179 लोगों की जान चली गई. ऐसी स्थिति की इजाजत नहीं दी जा सकती.


नए आयुध अधिनियम के तहत अब नागरिकों को एक लायसेंस पर दो हथियार रखने की इजाजत होगी. वहीं लायसेंस के नवीनीकरण के लिए अब तीन साल की बजाए पांच साल की मियाद होगी. गृह मंत्री के अनुसार लायसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया भी अब इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से होगी. हालांकि बहस के दौरान कई सांसदों ने एक लायसेंस पर कम से कम तीन हथियार रखने की इजाजत देने की मांग की थी. कई सांसदों की मांग के बाद सरकार ने नए विधेयक के साथ कुछ संशोधन भी सदन में पेश किए जिन्हें लोकसभा ने मंजूरी दे दी.


इस बीच गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में बहस के दौरान स्पष्ट किया कि नए कानून संशोधन से पूर्व सैनिकों के लिए प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वहीं खेलों के किए बंदूकें रखने वाले खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं और वरिष्ठता के अधसर पर असलहा रखने का अधिकार हो सकेगा. नए कानून के प्रावधानों के मुताबिक संगठित अपराधों के लिए हथियार सप्लाई करने वालों को भी अब आजीवन कारावास तक की सज़ा दी जा सकती है.


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