नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास, समर्थन में 311 जबकि विपक्ष में पड़े 80 वोट
नागरिकता संशोधन बिल को कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम, CPI, AIUDF, RSP और एसकेएम ने संविधान के खिलाफ बताया.
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नई दिल्ली: भारी हंगामे और चर्चा के बाद नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा से पास हो गया. बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े. गृहमंत्री अमित शाह ने आज सोमवार दोपहर में बिल को लोकसभा में पेश किया. जिसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों ने बिल पर अपनी राय रखी. चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि नेहरू-लिकायत समझौते में भारत और पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों का ध्यान रखने का करार किया लेकिन पाकिस्तान ने इस करार का पूरा पालन नहीं किया.
गृहमंत्री ने कहा कि 48 सदस्यों ने बहस में हिस्सा लिया. कई सदस्यों ने आर्टिकल-14 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है. न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 3 देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संविधान में इस्लाम को राज्य धर्म बताया है. वहां अल्पसंख्यकों को न्याय मिलने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है. 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23% थी. 2011 में ये 3.7% पर आ गई.
अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 फीसदी थी जो 2011 में 7.8 फीसदी हो गई. आखिर कहां गए ये लोग. जो लोग विरोध करते हैं उन्हें में पूछना चाहता हूं कि अल्पसंख्यकों का क्या दोष है कि वो इस तरह क्षीण किए गये?
बिल का किसने किया समर्थन? BJP, बीजेडी, एलजेपी, अकाली दल, JDU, YSRCP, NDPP, MNF, NPF, NPP, PMK,
किसने किया विरोध? कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम, CPI, AIUDF, RSP, SKM
जब बिल की कॉपी फाड़ी गई एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए इस विधेयक की प्रति लोकसभा में फाड़ दी. इसका कड़ा विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संसद का अपमान है. विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों के ‘राष्ट्रविहीन’ बनाने की साजिश कर रही है.
ओवैसी यह आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी ने नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं. इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी. इस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्होंने जो किया है वो सदन का अपमान है.
पूर्वोत्तर में प्रदर्शन नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) द्वारा 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ. क्षेत्र में सभी छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के प्रदर्शन के एक दिन पहले विधेयक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आशंकाओं को दूर किए जाने के बावजूद असम और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन हुए.
सुबह पांच बजे बंद की शुरूआत के बाद लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, मोरिगांव, बोंगाइगांव, उदलगुड़ी, कोकराझार और बक्सा जिले में सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया.
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