Jan Vishwas Bill 2023: संसद में मणिपुर पर चल रहे हंगामे के बीच लोकसभा से जन विश्वास बिल पारित हो गया है. इस बिल को कैबिनेट ने मंजूरी थी, जिसके बाद इसे लोकसभा में पेश किया गया. इसके जरिए कारोबारियों को राहत देने की तैयारी है. इससे कई अधिनियमों में बदलाव होगा और छोटी गड़बड़ी के मामले में अपराध की सजा को कम कर दिया जाएगा. यानी जिन गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी में रखा गया था, उन्हें अब जुर्माने तक ही सीमित किया जाएगा. इस बिल को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के लिए काफी अहम माना जा रहा है. 


संसदीय समिति ने दिए थे सुझाव
जन विश्वास बिल को मोदी सरकार ने पिछले साल यानी 2022 में लोकसभा में पेश किया था. बाद में इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया था. इस बिल को लेकर कई मंत्रालयों और कानूनी मामलों के विभागों से चर्चा हुई थी. समिति ने सरकार से कहा था कि इसमें संशोधन करने चाहिए और कई चीजों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना चाहिए. जिससे कोर्ट में लंबित पड़े लाखों मामलों में कमी आए. 


जेल की जगह वसूला जाएगा जुर्माना
संसदीय समिति ने इस बिल के जरिए 19 मंत्रालयों से जुड़े करीब 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था. जिनमें वित्त मंत्रालय से लेकर सड़क परिवहन, कृषि, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और अन्य कई मंत्रालय शामिल हैं. इन मंत्रालयों के तहत आने वाले कई अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाकर जुर्माने तक सीमित कर दिया जाएगा. इससे कोर्ट-कचहरी की झंझट से मुक्ति मिलेगी, वहीं बिजनेस करना भी आसान हो जाएगा. 


जन विश्वास बिल को लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा. सरकार इसी मानसून सत्र में इसे पारित करना चाहती है. बिल में जिन अपराधों को जुर्माने में तब्दील किया जाएगा, उनमें पहले के मुकाबले जुर्माना कई गुना बढ़ जाएगा. यानी जिस अपराध में तीन साल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगता था, उसमें 8 लाख तक का जुर्माना वसूला जा सकता है. इसी तरह बाकी अपराधों को लेकर भी लाखों रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. 




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