नई दिल्ली: तीन तलाक को खत्म करने वाला बिल लोकसभा में पास हो गया है. सरकार ने कहा कि ये बिल नारी सम्मान और नारी न्याय के लिए है. अब मंगलवार को राज्य सभा में ये बिल पेश किया जाएगा.
तीन तलाक बिल पर लोकसभा में हुई चर्चा में तृणमूल कांग्रेस ने भाग नहीं लिया. पार्टी के किसी सदस्य ने चर्चा में भाग ना लेने के लिए नोटिस भी नहीं दिया था.
तीन तलाक बिल के लोकसभा में पास होने पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिल मुस्लिम महिलाओं की मदद नहीं करेगा. ओवैसी लगातार इस बिल का विरोध करते आए हैं. यूपी के वाराणसी में असद्दुदीन ओवैसी के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन किया क्योंकि ओवैसी ने तीन तलाक पर बिल का विरोध किया है.
यूपी के सहारनपुर की अतिया साबरी ने बिल और सरकार की तारीफ की. उन्होंने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुस्लिम बहनें अपने हक की लड़ाई लड़ रही थीं लेकिन कोई उनकी नहीं सुनता था लेकिन अब बराबरी का हक मिलेगा.
तीन तलाक के खिलाफ लंबे वक्त से लड़ाई लड़ रहीं उत्तराखंड के काशीपुर की सायरा बानो बिल पास होने से बेहद खुश हैं. तीन तलाक पीड़ित सायरा बानो ने अपनी लड़ाई खुद लड़ी और इसे अदालत तक ले गईं.
लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल
मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बर्बाद करने वाला तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक बोलकर शादी खत्म करने की कुप्रथा पर अब रोक लग जाएगी. तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश हुआ और बिना किसी बड़ी रुकावट के पास भी हो गया. लोकतंत्र के मंदिर ने सालों से चली आ रही कुप्रथा को तबाह कर दिया.
मुस्लिम समाज में शादी खत्म करने के तरीकों में से एक तरीका होता है तीन तलाक, लेकिन इसको मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ गलत इस्तेमाल के प्रचलन से ये जरूरी हो गया था कि इसके खिलाफ सख्त कानून बने और ये जिम्मा उठाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने. चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने जो वादा मुस्लिम महिलाओं से किया था वो पूरा किया.
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) बिल में है क्या
- एक बार में तीन तलाक बोलकर विवाह खत्म करना गैर कानूनी होगा
- बोलकर, लिखकर, व्हाट्सएप फेसबुक से तलाक पर ताला लगेगा
- एक बार में तीन तलाक देने पर आरोपी को तीन साल की सजा होगी
- तीन तलाक पर भारी जुर्माना पड़ेगा
- जुर्माने की रकम से ही पीड़ित महिला को गुजारा भत्ता मिलेगा
- तलाक के बाद नाबालिग बच्चे को रखने का अधिकार महिला के पास होगा
- गुजारा भत्ता और बच्चों के भविष्य के बारे में फैसला मजिस्ट्रेट को करना होगा
- तीन तलाक के आरोपी को पुलिस से जमानत नहीं मिलेगी, मजिस्ट्रेट से ही जमानत लेनी होगी
लोकसभा में तीन तलाक बिल का ओवैसी की पार्टी एमआईएम, लालू की पार्टी आरजेडी, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और नवीन पटनायक की बीजेडी ने विरोध किया. तीन तलाक बिल को ओवैसी ने मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताया. ओवैसी का प्रस्ताव 2 वोटों के मुकाबले 241 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया. जबकि 4 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. कांग्रेस तीन तलाक बिल के खिलाफ तो नहीं है लेकिन इसमें और सुधार के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग कर रही है. राजनीतिक पार्टियों के अलावा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शुरुआत से बिल के विरोध में है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दलील है कि तीन तलाक बिल
- शरिया कानून में सरकार की दखल है
- महिलाओं के अधिकार के खिलाफ है
- पुरुषों को सजा से महिलाओं को क्या मदद मिलेगी ?
- तलाकशुदा महिलाओं की मदद के लिए कानून बने
लोकसभा में पास होने के बाद अब बिल को 3 जनवरी को राज्यसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है. राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद बिल को हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के बाद भेजा जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये बिल कानून बन जाएगा.