Election 2024: जातीय गणित को साधने उतरेगी यूपी कांग्रेस की नई टीम, दलित चेहरे को बनाया प्रदेश अध्यक्ष
UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की नई टीम नई तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी, जिसमें जातीय समीकरण को साधने की कोशिश होगी. दलित चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना इसका संकेत है.

Election 2024: लोकसभा चुनाव (LS Polls 2024)को देखते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस (UP Congress) अब जातीय समीकरण साधने उतरी है. लगभग छह महीने के इंतजार के बाद यूपी में दलित चेहरे पर दांव लगाते हुए बृज लाल खाबरी (Brij Lal Khabari) को अध्यक्ष (State President) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी के साथ पूर्वांचल, अवध, प्रयाग, बुंदेलखंड, ब्रज और पश्चिम क्षेत्रों में प्रांतीय अध्यक्ष तैनात किए गए हैं. इनमें भी जातीय समीकरणों के हिसाब से बिसात बिछाने की कोशिश की गई है. अब देखना यह है कि लगातार निराशाजनक प्रदर्शन कर रही कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के लिए यह प्रयोग कितना कामयाब होता है.
यूपी में कांग्रेस इन दलित चेहरों पर खेलेगी दांव
यूपी में कांग्रेस पार्टी बृजलाल खाबरी के ज़रिए प्रदेश में दलित समाज को पार्टी जोड़ने के क़वायद में जुटेगी. बृजलाल खाबरी पार्टी में आक्रामक दलित नेता के तौर पर जाने जाते हैं. बतौर अध्यक्ष उनके कंधों पर प्रदेश भर में दलित समाज को जोड़ने की बड़ी ज़िम्मेदारी होगी.
उधर, महराजगंज के फरेंदा विधायक विरेंद्र चौधरी को पूर्वांचल के ज़िलों का कार्यभार सौंपा गया है. उनके कंधों पर ख़ासतौर से फ़ैज़ाबाद, अम्बेडकरनगर, बस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर में कुर्मी जाति को पार्टी से जोड़ने का दारोमदार होगा.
इसी तरह प्रयाग ज़ोन में पूर्व मंत्री अजय राय को ज़िम्मेदारी मिली है. भूमिहार जाति से आने वाले अजय राय मज़बूत छवि के नेता रहे हैं। भूमिहार बिरादरी में अजय राय पूरब से पश्चिम तक अच्छी पैठ रखते हैं.
अवध और बुंदेलखंड ज़ोनों में प्रांतीय अध्यक्षों की ज़िम्मेदारी पूर्व मंत्री नकुल दुबे और योगेश दीक्षित की होगी. 2007 में मंत्री रहे नकुल दुबे और योगेश दीक्षित दोनों ही ब्राह्मण जाति से आते हैं.
ब्राह्मण वोट बैंक बीजेपी में शिफ्ट हो गया
प्रदेश में एक वक्त था जब ब्राह्मण वोटबैंक पर कांग्रेस पार्टी का एकाधिकार था, लेकिन धीरे धीरे यह सरकता चला गया और अब इस वोटबैंक का ज्यादातर हिस्सा सत्ताधारी बीजेपी के साथ चला जाता है. पश्चिम में प्रांतीय अध्यक्ष का जिम्मा एक वक्त मायावती के खासमखास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी को दिया गया है. वहीं ब्रज क्षेत्र में अनिल यादव को ज़िम्मेदारी दी गई है.
पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो जातीय समीकरण के लिहाज़ से कांग्रेस ने एक मज़बूत चक्रव्यूह की रचना की है. मगर मौजूदा स्थिति में लगभग गर्त में जा चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव के पहले निकाय चुनाव में ही इस प्रयोग का परीक्षण हो जाएगा.
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