तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के विवाद के बाद संसद ने नया नियम बनाया है. अब संसद पोर्टल के लॉगइन और पासवर्ड सांसदों तक ही सीमित रहेंगे. यानी उनके पर्सनल असिस्टेंट या सेक्रेटरी अब लॉगइन नहीं कर सकेंगे. सूत्रों ने बताया कि सांसद साथ बैठकर अपने पीए और सेक्रेटरी से लॉगइन करवा सकते हैं, लेकिन सांसदों को लॉगइन-पासवर्ड और ओटीपी शेयर करने की इजाजत नहीं होगी.


पिछले दिनों महुआ मोइत्रा पर आरोप लगे थे कि उन्होंने पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछे थे. उन पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने लोकसभा के डिजिटल संसद पोर्टल का लॉगइन-पासवर्ड एक दोस्त के साथ शेयर किए, जो पोर्टल पर सवाल अपलोड करते थे. संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को अपने आधाकारिक इमेल का पासवर्ड और लॉगइन किसी बाहरी व्यक्ति के साथ शेयर करने का दोषी पाया था. सूत्रों के मुताबिक, महुआ मोइत्रा के मामले के बाद शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले संसद ने ताजा बदलाव करने का फैसला किया है.


द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद अपने पर्सनल असिस्टेंट और सेक्रटरी के साथ अपने ऑफिशियल मेल और लोकसभा पोर्टल का लॉगइन-पासवर्ड शेयर नहीं कर सकेंगे. हालांकि, सचिवालय की तरफ से अब तक इसे लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. लोकसभा सांसद अब खुद ही अपने संसदीय मामलों को हैंडल करेंगे, लेकिन समय की किल्लत को देखते हुए यह संसदों के लिए यह मुश्किल काम हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि सांसद इतना कर सकते हैं कि वह अपने पीए और सेक्रेटरी के साथ बैठकर काम पूरा करवाएं.


क्या है महुआ मोइत्रा मामला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि महुआ मोइत्रा ने अपने बिजनेसमैन दोस्त दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी से जुड़े सवाल पूछे. महुआ पर आरोप लगे कि दर्शन हीरानंदानी के साथ उन्होंने लोकसभा पोर्टल का लॉगइन पासवर्ड शेयर किए. पोर्टल पर सवाल हीरानंदानी ही डालते थे. इसके बदले में महंगे गिफ्ट और पैसे लेने का भी महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा. महुआ ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने लॉगइन-पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किया था, लेकिन उनका कहना था कि सवाल वे ही तैयार करती थीं और हीरानंदानी के ऑफिस से कोई टाइप करके सवाल पोर्टल पर सवाल अपडेट करता था. उन्होंने कहा कि वह सवाल पढ़ती थीं उसके बाद ही सवाल अपलोड किए जाते थे. महुआ ने कहा कि समय की किल्लत की वजह से उन्होंने दर्शन हीरानंदानी से मदद मांगी थी ताकि कोई उनके सवाल टाइप कर दे. 


यह भी पढ़ें:-
India-Canada Row: ‘स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर हुई’, कनाडा में ई-वीजा बहाली पर बोले एस जयशंकर