नई दिल्ली: इस बार लोकसभा में सांसदों के लिए सीटें अब तक आवंटित नहीं की गई हैं. मतलब ये कि कौन से सदस्य कहां बैठेंगे. जबकि 17 वीं लोकसभा की बैठक 17 जून से ही शुरू हो गई है. ओम बिरला स्पीकर तो बन गए हैं. लेकिन सांसदों के बैठने की व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है. सबसे अधिक मारामारी तो आगे वाली सीट पर बैठने को लेकर है. सभी बड़े नेता अपने लिए फ़्रंट सीट चाहते हैं. बीजेपी में इस बात को लेकर तो कोई ख़ास ऊहापोह नहीं है. लेकिन मामला कांग्रेस को लेकर फंस गया है. वो भी राहुल गांधी को लेकर. वे अपने लिए पहली लाइन की सीट चाहते हैं.


कांग्रेस के 52 सांसद हैं. राहुल गांधी अब इस पार्टी के अध्यक्ष भी नहीं रहे. वे अमेठी से लोकसभा का चुनाव तो हार गए. लेकिन वायनाड से राहुल चुनाव जीतने में कामयाब रहे. वे चौथी बार के सांसद हैं. अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल ते नेता बनाए गए हैं. इस हिसाब से उन्हें पहली पंक्ति की सीट मिलेगी. वे बंगाल के बरहमपुर से लगातार पांचवी बार एमपी बने हैं. अधीर रंजन चौधरी आगे की सीट पर बैठने लगे हैं. उनके साथ सोनिया गांधी भी आगे की लाइन में बैठती हैं. वे यूपी की रायबरेली से एमपी चुनी गई हैं. वे छह बार की सांसद भी हैं.


पिछले लोकसभा में राहुल गांधी दूसरी पंक्ति की सीट पर बैठते थे. जबकि आगे की सीट पर उनकी मां सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट थी. खड़गे उन दिनों लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता हुआ करते थे. राहुल गांधी अपने साथ साथ पार्टी के चीफ़ व्हिप के सुरेश के लिए भी आगे की सीट लेना चाहते हैं. केरल के सुरेश सातवीं बार सांसद चुने गए हैं.


...तो नहीं मिलेगी मनचाही सीट


सूत्रों से जानकारी मिली है कि लोकसभा अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी को सबसे आगे की सिर्फ़ दो सीटें देने के मूड में हैं. ऐसे हालात में राहुल को पीछे जाकर बैठना पड़ेगा. अभी वे अपनी मां सोनिया गांधी के साथ पहली पंक्ति में बैठते हैं. कांग्रेस के सांसदों की संख्या के हिसाब से भी राहुल को मनचाही सीट नहीं मिल सकती है. वैसे लोकसभा अध्यक्ष चाहें तो उनके मन की मुराद पूरी हो सकती है.


पहली कतार में बैठेंगे मुलायम?


सूत्रों से ये भी पता चला है कि मुलायम सिंह यादव को लोकसभा अध्यक्ष आगे की सीट देना चाहते हैं. समाजवादी पार्टी के पांच एमपी हैं. मुलायम तीन बार यूपी के सीएम रहे हैं, देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी से उनके मीठे रिश्ते रहे हैं. दोनों ही सार्वजनिक मंचों से एक दूसरे की तारीफ़ कर चुके हैं.


पिछली लोकसभा की आख़िरी बैठक में मुलायम ने तो मोदी को दुबारा प्रधान मंत्री बनने की शुभकामना भी दे दी थी. ये भी कहा जा रहा है कि बीजेडी के नेता को भी आगे की सीट देने की योजना है. पुरी से चुनाव जीत कर आए पिनाकी मिश्र को पार्टी ने लोकसभा में नेता बनाया है. इन दिनों पीएम नरेंद्र मोदी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक में ख़ूब छन रही है.


सीटें आवंटित न होने से पहली बार सांसद चुन कर आए नेताओं को बड़ी परेशानी हो रही है. वे हर दिन संसद इस उम्मीद में जाते हैं कि उनके नसीब में कौन सी सीट मिलेगी. जो पांचवी या छठी बार एमपी बने हैं, उन्हें लगता है कि इस बार उनकी सीट कुछ आगे हो जाएगी. वे भी बेसब्री से सीटें आवंटित होने का इंतज़ार कर रहे हैं.


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पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत बड़े मंत्री शपथ लेने के हिसाब से अपनी अपनी सीटों पर बैठते हैं. अगर लोकसभा में मत विभाजन की स्थिति आई तो फिर लेने के देने पड़ सकते हैं. सीटों का बंटवारा न होने से पर्ची से ये काम करने में डेढ़ दो घंटे लग सकते हैं.