LS Secretariat On Supriyo: बीजेपी छोड़कर कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थामने वाले बाबुल सुप्रियो की तरफ से लोकसभा सदस्यता से इस्तीफे देने के लिए स्पीकर से समय मांगने की खबर को लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने निराधार बताया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स है कि आसनसोल से लोकसभा सांसद बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी छोड़ने के बाद लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए स्पीकर से समय मांगा है.


रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि बाबुल सुप्रियो की तरफ से लगातार अनुरोध के बावजूद स्पीकर की तरफ से समय नहीं दिया जा रहा है. लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि बाबुल सुप्रियो ने कभी भी लोकसभा स्पीकर ऑफिस को अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बारे में नहीं बताया है.      


लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने आगे बताया कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला दिल्ली में 2 अक्टूबर से लेकर 5 अक्टूबर तक उपलब्ध रहेंगे और अगर जरूरत है तो बाबुल सुप्रियो स्पीकर से समय मांग सकते हैं.


गौरतलब है कि बाबुल सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीतने में कामयाब नहीं हो सके थे. बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की टॉलीगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. उसके बाद मोदी सरकार के इस साल हुए कैबिनेट विस्तार और फेरबदल में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद, बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेने का एलान करते हुए लिखा था- "अलविदा! मैं किसी भी राजनीतिक दल में नहीं जा रहा हूं. टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई(एम) किसी ने भी मुझे नहीं बुलाया. मैं कहीं नहीं जा रहा हूं... सामाजिक कार्य करने के लिए राजनीति में होने की आवश्यकता नहीं है.”


हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि वह राजनीति में बने रहेंगे. लेकिन, कुछ दिनों बाद ही उन्होंने बीजेपी को किनारा करते हुए सुप्रियो ने टीएमसी का दामन थाम लिया. 


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