नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र को शुरू करने के लिए विभिन्न दलों के नेताओं की एक सर्वदलीय बैठक की मेजबानी की, जहां विपक्ष ने सरकार से कृषि सुधार कानूनों और भारत-चीन सीमा पर चर्चा करने की मांग की है. मौक़े पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "अधिकतम विधायी कार्य इस बार भी हो सके ऐसी हमारी कोशिश होनी चाहिए, सभी दलों से अनुरोध है कि सदन की कार्यवाही में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले."


बजट 1 फरवरी को पेश होने के साथ संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है और 15 फरवरी तक चलेगा. बैठक में संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और एमओएस अर्जुन राम मेघवाल, और कांग्रेस, डीएमके, वाईएसआर कांग्रेस, बीएसपी, टीडीपी, टीआरएस, बीजेडी, अपना दल और एआईएमआईएम के नेता शामिल थे. लेकिन बैठक में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का कोई प्रतिनिधि नहीं था.


विपक्षी नेताओं ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में किसानों के विरोध, आंशिक रूप से कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के सरकार के प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की, कांग्रेस ने कानूनों को निरस्त करने पर चर्चा के लिए जोर दिया, जबकि द्रमुक के टीआर बालू ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध पर चर्चा की मांग की. बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हम विभिन्न मामलों पर चर्चा चाहते हैं और हमें उम्मीद है कि सरकार हमें समय देगी." कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हम खेत सुधारों के मुद्दे पर चर्चा करना चाहेंगे. सभी विपक्षी दल एक ही पेज पर हैं."


संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. हालांकि बजट सत्र के पहले भाग में, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा और केंद्रीय बजट पर चर्चा संभव है, जिसके लिए 10 घंटे आवंटित किए गए हैं.


लोकसभा की बीएसी की बैठक में राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब 2, 3 और 5 फरवरी को होगा और पीएम मोदी 5 फरवरी को जवाब देंगे, जबकि निचले सदन में बजट पर चर्चा 8, 9 और 10 फरवरी को होगी और वित्त मंत्री 11 फरवरी को जवाब देंगी. संसद का बजट सत्र 29 जनवरी को शुरू होगा और सत्र 15 फरवरी तक चलेगा.


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