Om Birla Explain How Lok Sabha Mic System Work: संसद में सोमवार (1 जुलाई 2024) को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई. विपक्ष की तरफ से अकेले राहुल गांधी ने मोर्चा लिया. उन्होंने एक बार फिर सदन में बोलने के दौरान माइक बंद होने का मुद्दा उठाया.


उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से सवाल पूछा कि इस माइक का कंट्रोल किसके हाथ में है. जब भी हम कुछ ऐसा बोलते हैं तो माइक ऑफ हो जाता है. मैंने आज भी अयोध्या शब्द कहा तो माइक बंद हो गया. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए इसका जवाब दिया.


बोलने वाले का नाम लेते ही चालू हो जाता है माइक


ओम बिरला ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि आप कई बार बाहर भी ये कह चुके हैं. मैंने कई बार आग्रह किया कि आसन पर इस तरह का आरोप न लगाएं. आसन पर सभी दल के लोग बैठते हैं. सभी जानते हैं कि एक व्यवस्था होती है कि जिस भी माननीय सदस्य को बोलने के लिए आग्रह किया जाता है उसका माइक चालू होता है और जिसे बोलने के लिए आग्रह नहीं किया जाता उसका माइक चालू नहीं होता है.


अगर स्पीकर ने नहीं लिया है नाम तो माइक रहता है बंद


ओम बिरला ने आगे कहा, आप बोलने के लिए खड़े हुए हैं, आपका माइक कभी बंद नहीं हुआ है. अगर आसन में जो भी विराजमान हैं, वे अगर आपका नाम नहीं पुकारते तो माइक चालू नहीं होता है. यह व्यवस्था इस सदन की शुरू से ही चली आ रही है. आसन पर बैठे शख्स (स्पीकर) का कभी माइक पर कंट्रोल नहीं होता है.  


ओम बिरला ने राहुल गांधी को दी ये सलाह


माननीय प्रतिपक्ष के आप नेता हैं. आपसे ये अपेक्षा की जाती है कि आप लोकसभा की प्रक्रिया का, संचालन नियमों का पालन करें, संविधान में जो व्यवस्था दी गई है उसका पालन करें. सदन में बोलते हुए किसी भी धर्म के ऊपर ऐसा आक्षेप न करें जिससे पूरे देश के अंदर तनाव पैदा हो. ऐसी आपसे अपेक्षा की जाती है. इस पर राहुल ने कहा कि स्पीकर सर मैं आपकी पूरी रिस्पेक्ट करता हूं, लेकिन ये सच्चाई है कि मेंरे भाषण के बीच माइक बंद हो जाता है. आपने देखा कि मैंने अयोध्या शब्द का इस्तेमाल किया और माइक बंद हो गया.


कौन करता है माइक बंद?


जानकारी के मुताबिक, संसद के भीतर जो माइक लगा होता है उसका पूरा कंट्रोल एक ऑडियो सेक्शन के पास होता है, जिसमें स्पेशलिस्ट लोग बैठे होते हैं, जिनका काम होता है कि वह यह देखें की किसको चेयर की तरफ से बोल की अनुमति दी गई है, सिर्फ उसी का माइक ऑन रहे और बाकी लोगों का ऑफ किया जाता है. चेयर जिस भी वक्ता को बोलने की अनुमति देता है, उसका माइक ऑन कर दिया जाता है और बाकी सारे माइक ऑफ यानी एक वक्त पर सदन में एक ही माइक ऑन रहता है.


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