Exclusive: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला abp न्यूज से बोले- कानून सबके लिए बराबर
Om Birla Exclusive: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पिछले तीन साल में सदन में काफी काम हुआ है और मेरी पूरी कोशिश रही कि सभी सदस्य अपने मुद्दों को रख सकें.
Lok Sabha Speaker Om Birla: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने एबीपी न्यूज से कई मुद्दों को लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत की. 17वीं लोकसभा (Lok Sabha) के तीन वर्षों के अनुभव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि तीन सालों में बहुत काम किया और सभी दलों का सहयोग भी मिला. तीन साल की लोकतांत्रिक यात्रा के अंदर, संसद के सभी सदस्यों का सहयोग मिला. पीएम मोदी (PM Modi), विपक्ष के नेता और सभी सदस्यों के सहयोग से पिछले सत्रों के मुकाबले प्रोडक्टिविटी सबसे ज्यादा रही.
उन्होंने कहा कि सदस्यों की चर्चा में अच्छी सहभागिता रही और कई बार सत्र के दौरान देर रात तक भी सदस्यों ने चर्चा की जिससे बेहतर परिणाम सामने आएं. विशेष रूप से जनता का भरोसा संसद और जनप्रतिनिधियों की ओर ज्यादा बढ़ा है. कोरोना काल में जब दुनिया की ज्यादातर संसद वर्चुअली काम कर रही थी ऐसे में भारत की संसद फिजीकली चली, और सदस्यों की अनुपस्थिति भी अच्छी संख्या में रही.
संसद को बिना गतिरोध के चलाने की कोशिश रही
लोकसभा अध्यक्ष ने सत्र के दौरान सामने आई चुनौतियों के सवाल पर कहा कि कोई ऐसी बड़ी चुनौती सामने नहीं आई. इस कार्यकाल के पहले सत्र में 37 बैठकें की, जो अपने आप में एतिहासिक थी. बिना रूकावट और गतिरोध के 35 विधेयक पारित किए गए थे. मेरा यही सपना था कि संसद बिना गतिरोध के चलना चाहिए. इस संसद के अंदर अधिकतम चर्चा और संवाद होना चाहिए, जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की आकांशाओं और अपेक्षाओं को रख सकें और सरकार सकारात्मक रूप से जनप्रतिनिधि की आकांशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करे. इस सत्र में जो सदस्य पहली बार चुनकर के आए थे उन्होंने अपनी क्षेत्र की जनता का विश्वास बनाए रखा और संसद में अपने मुद्दों को बड़े अच्छे से उठाया.
सभी सदस्य को बोलने का मौका दिया गया
लोकसभा अध्यक्ष से जब पूछा गया कि इस दौरान कृषि बिल और धारा-370 को हटाने के बिल समेत 3-4 बिलों पर काफी हंगामा हुआ तो इस पर उन्होंने कहा कि इन सभी बिलों पर आवंटित समय से ज्यादा समय तक चर्चा हुई. देर रात तक भी चर्चा हुई और सभी सदस्य को बोलने का मौका दिया गया. मेरा यही प्रयास होता है कि सभी को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए ताकि हम बेहतर कानून बना सकें. कानून बनाने में जनता की राय भी होनी चाहिए.
कानून सबके लिए बराबर
कई बार लोकसभा सदस्यों पर सदन में और सदन के बाहर कार्रवाई की गई जिसको लेकर उन्होंने आपसे (लोकसभा अध्यक्ष) मुलाकात भी की और क्या लोकसभा सदस्यों के लिए कोई व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जिससे उनके अधिकारों का हनन ना हो पाए, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देखिए संविधान बनाते समय और कानून बनाते समय हमारे महान नेताओं ने लोकसभा सदस्यों को जो विशेष अधिकार दिया है वो संसद के कामकाज को लेकर दिया है. संसद की कार्यवाही में कोई रुकावट ना हो इसके लिए सदस्य को संरक्षण मिला है, लेकिन कानून सबके लिए बराबर है. संसद के कामकाज को लेकर एक कमिटी बनी हुई है. जब भी कोई सदस्य से संसद के कामकाज को लेकर कोई शिकायत करता है तो ये कमिटी उसको लेकर जांच करती है और स्पीकर को रिपोर्ट करती है.
क्या राजस्थान में सीएम पद की रेस में हैं ओम बिरला?
लोकसभा अध्यक्ष से जब पूछा गया कि राजस्थान विधानसभा चुनावों में आपको लोग बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर देखते हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि मेरा भविष्य को लेकर कोई प्लान नहीं है अभी मेरी जिम्मेदारी संसद के अध्यक्ष के रूप में है. संसद में सदस्यों को पूरा वक्त मिले और उनकी सक्रिय भागीदारी रही इस पर ही मेरा पूरा ध्यान है. किसी भी राज्य के बारे में अभी मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है. कोटा मेरा संसदीय क्षेत्र है, वहां की जनता ने मुझे चुनकर भेजा है. मेरा दायित्व बनता है कि मैं अपने संसदीय क्षेत्र की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करता रहूं. मैं सीएम पद की रेस में नहीं हूं.
वहीं नई संसद (Parliament New Building) के सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ने कहा कि नया संसद भवन आने वाले विंटर सेशन तक तैयार हो जाना चाहिए. हमारा प्रयास है कि आने वाला शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) नए भवन में हो. हमने अक्टूबर-नवंबर का लक्ष्य रखा था जिसे पूरा करने का हमारा प्रयास है.
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