MUDA Case: पीपुल्स कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA मामले में कथित घोटाले का जांच करने का आदेश दिया था, जिससे बाद अब लोकायुक्त पुलिस ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. कोर्ट ने सीआरपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सिद्धारमैया का बचाव किया है.


कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सिद्धारमैया का बचाव किया


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "कानून अपना काम करेगा... MUDA के लोग जो चाहें वह कार्रवाई कर सकते हैं. यह आवश्यक नहीं है कि सरकार इसका जवाब दे, क्योंकि वह एक स्वायत्त निकाय है, वे कार्रवाई कर सकते हैं...अगर सिद्धरमैया ने व्यक्तिगत रूप से कोई अपराध किया है तो वह जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया... उनका(बीजेपी) मुख्य उद्देश्य कांग्रेस पार्टी को बदनाम करना है, यह उचित नहीं है, उनके(सिद्धारमैया) पद से इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है..."


इस मामले में सिद्धारमैया पहले आरोपी हैं, उनकी पत्नी पार्वती दूसरी आरोपी हैं, सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुनसामी तीसरे आरोपी हैं और देवराज चौथे आरोपी हैं. कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत जांच करने और 24 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.


याचिकाकर्ता ने लोकायुक्त पुलिस पर उठाए सवाल


MUDA मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक स्नेहमयी कृष्णा ने गुरुवार (26 सितंबर 2024) को चिंता व्यक्त की थी कि इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. कृष्णा ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त पुलिस अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रही है और मैसूर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक टी.जे. उदेश से संपर्क नहीं हो पा रहा है.


मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ लोकायुक्त जांच का आदेश दिये जाने के बाद बीजेपी ने गुरुवार (26 सितंबर 2024) को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की थी.


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