Cash For Query Case: कैश फॉर क्वैरी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि लोकपाल से इस मामले का संज्ञान लेकर, जांच एजेंसियों को केस दर्ज करने का निर्देश दिया है. हालांकि, अब उन्होंने कहा है कि वह मामले में केवल एक शिकायतकर्ता हैं.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, "भारत के संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार देश के टुकड़े- टुकड़े गैंग के लिए एक फैशन बन गया है."
'मैं संवैधानिक संस्था का प्रवक्ता नहीं'
उन्होंने आगे कहा कि भ्रष्टाचार की आरोपी सांसद के खिलाफ मैंने शिकायत लोकपाल में दर्ज की और लोकपाल ने उसे संज्ञान में लेकर अपनी जांच एजेंसियों को केस दर्ज करने कहा. मैं किसी संवैधानिक संस्था का प्रवक्ता नहीं हूं, मैं केवल एक शिकायतकर्ता हूं. इसके साथ उन्होंने लोकपाल की कंप्लेंट कॉपी की तस्वीर भी शेयर की है.
लोकपाल के सीबीआई को जांच के आदेश का किया दावा
निशिकांत दुबे ने 8 नवंबर को यह दावा किया था कि उनकी शिकायत के आधार पर लोकपाल ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. दुबे ने 8 नवंबर को एक्स पर पोस्ट कर यह दावा किया था कि लोकपाल ने उनकी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ के राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को मिली रिपोर्ट
गौरतलब है कि मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 10 नवंबर को अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेज दी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा का अकाउंट 47 बार विदेश से लॉगिन हुआ. TMC सांसद ने संसद जो 61 सवाल पूछे थे उनमें से 50 सवाल बिजनेमसमैन दर्शन हीरानंदानी के थे.
यह रिपोर्ट 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पेश की जाएगी. इसमें महुआ के निष्कासन की सिफारिश को लेकर वोटिंग हो सकती है.