जस्टिस त्रिपाठी दो अप्रैल से एम्स में भर्ती थे. वह लोकपाल के चार न्यायिक सदस्यों में से एक थे. कोरोना वायरस से संक्रमित उनकी बेटी अभी भी एम्स में भर्ती हैं.
शनिवार रात 8 बजे ली अंतिम सांस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालत बिगड़ने के बाद जस्टिस त्रिपाठी पिछले तीन दिनों से वेंटिलेटर पर थे. उन्होंने रात आठ बजे अंतिम सांस ली. त्रिपाठी पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, और एम्स में भर्ती किए जाने के बाद से ही वह आईसीयू में थे. बाद में उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां ज्यादातर सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को इलाज मुहैया कराया जाता है. लेकिन हाल ही में इसे कोविड-19 समर्पित अस्पताल में परिवर्तित कर दिया गया था. यहां ले जाए गए वह पहले मरीज थे.
जस्टिस त्रिपाठी ने बिहार में एक अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया था. बाद में उन्हें पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश और फिर मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया. उन्हें पिछले साल मार्च में लोकपाल का न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया था.
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