Loksabha By Election: आजमगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी ने बदला उम्मीदवार, अब 'निरहुआ' को टक्कर देंगे SP मुखिया अखिलेश के भाई धर्मेंद यादव
Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ में ऐन नामांकन के आखिरी दिन अपना उम्मीदवार बदल दिया है. अब बदायूं के पूर्व सांसद और अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को अखिलेश ने आजमगढ़ से उतारा है.
Loksabha By Election: भोजपुरी फिल्मों के नायक और गायक दिनेश लाल यादव (निरहुआ) से मुकाबले के लिये समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ में ऐन नामांकन के आखिरी दिन अपना उम्मीदवार बदल दिया है. अब बदायूं के पूर्व सांसद और अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को अखिलेश ने आजमगढ़ से उतारा है. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने इस सीट से पहले दलित नेता सुशील आनंद को उतारा था. लेकिन सुशील आनंद के नाम पर दो वोटर आईडी है लिहाजा पार्टी ने किसी तरह की परेशानी से बचने के लिये उनको नहीं उतारने का फैसला लिया. अखिलेश यादव के इस्तीफे की वजह से आजमगढ़ में 23 जून को उपचुनाव है.
2019 में अखिलेश यादव और दिनेश लाल यादव निरहुआ के बीच ही मुकाबला हुआ था. आजमगढ़ सीट पर जीत हार का गणित समझें तो साल 2019 में अखिलेश को 6 लाख 21 हजार वोट मिले थे जबकि बीजेपी के दिनेश लाल निरहुआ को 3 लाख 61 हजार. तब अखिलेश 2 लाख 59 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे.
शनिवार को किया निरहुआ के उम्मीदवारी का एलान
बीजेपी ने शनिवार को ही निरहुआ की उम्मीदवारी का एलान कर दिया था. जबकि समाजवादी पार्टी डिंपल से लेकर धर्मेंद्र यादव तक के नाम को लेकर उलझी रही. जहां तक इस सीट पर वोट बैंक का सवाल है तो हिसाब इसी बात से लगा लीजिए कि पिछले दस चुनावों में आठ बार यहां से सिर्फ यादव उम्मीदवार जीते हैं. बाकी दो बार मुस्लिम.
2019 में हुई थी अखिलेश की जीत
आजमगढ़ में यादव वोटर 3.5 लाख, मुस्लिम वोटर 3 लाख और दलित वोटर करीब 3 लाख हैं. BSP ने भी इस बार यहां से गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. 2019 में जब अखिलेश की जीत हुई थी तब समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन था.
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