Congress-DMK Alliance in Tamilnadu: बिहार, हरियाणा, पंजाब में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. इस बीच कांग्रेस के लिए तमिलनाडु से अच्छी खबर सामने आ रही है. यहां आगामी लोकसभा चुनाव के लिए डीएमके-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत शुरू हो गई है और यह बातचीत सकारात्मक रही है. बताया जा रहा है कि हाल ही में चेन्नई में दोनों के बीच एक बैठक हुई. इसमें कांग्रेस ने तमिलनाडु में सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस के तहत 2019 में मिली नौ सीटों से अधिक की मांग की है.


कांग्रेस ने पांच साल पहले द्रमुक (DMK) के नेतृत्व वाले मोर्चे के हिस्से के तहत आठ सीटें जीती थीं. पार्टी को थेनी में हार का सामना करना पड़ा था. वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में चर्चा ये भी है कि कांग्रेस ने यहां 21 सीटों की मांग की है. हालांकि, कांग्रेस ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है.


मीटिंग में दोनों दलों से ये नेता रहे मौजूद


द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं ने डीएमके मुख्यालय अन्ना अरिवलयम में हाल ही में हुई इस बैठक को सकारात्मक और सुखद बताया है. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तमिलनाडु के प्रभारी महासचिव अजॉय कुमार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक और सलमान खुर्शीद के अलावा तमिलनाडु कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी और कांग्रेस विधायक दल के नेता के सेल्वापेरुन्थागई भी मौजूद थे.


वहीं इस बैठक में डीएमके का प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय मंत्री टीआर बालू, ए राजा, मंत्री केएन नेहरू, एमआरके पन्नीरसेल्वम और आई पेरियासामी, पूर्व मंत्री के पोनमुडी और राज्यसभा सदस्य तिरुचि शिवा ने किया.


डीएमके से पहले कांग्रेस ने बुलाई थी अपनी बैठक


इससे पहले कांग्रेस दल ने अपने राज्य मुख्यालय सत्यमूर्ति भवन में पार्टी के लोकसभा सांसदों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, ताकि यह समझा जा सके कि पार्टी तमिलनाडु में कहां खड़ी है और उसके कैडर की उम्मीदें क्या हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि द्रमुक के साथ बैठक अच्छी रही और उन्हें किसी तरह की बाधा की उम्मीद नहीं है.


अभी सीट शेयरिंग की जानकारी साझा करने से इंकार


कांग्रेस के अलागिरी ने कहा कि, “नई दिल्ली के हमारे नेताओं ने डीएमके के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर बात की थी. सीटों के बंटवारे पर बातचीत सहज रही. हमने जो सीटें मांगी थीं, वह हमारे और द्रमुक के बीच का मामला होगा. सीट बंटवारे को लेकर अभी हम कुछ भी सार्वजनिक नहीं करेंगे. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने पिछले साल आवंटित सीटों से ज्यादा सीटें पाने की इच्छा जताई है. उसने 2019 में तमिलनाडु की नौ सीटों के अलावा पुडुचेरी की एकमात्र सीट पर चुनाव लड़ा था.


कुछ दिन पहले एक बयान से बिगड़ रही थी बात


कुछ दिन पहले डीएमके मंत्री राजा कन्नप्पन ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा था कि टीएनसीसी नेता और कैडर जमीन पर काम नहीं करते हैं. ये लोग बस चुनाव से पहले सीटें पाने के लिए मौजूद हैं. इस बयान के बाद चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि यहां भी सीट शेयरिंग की वजह से गठबंधन टूट सकता है.


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