Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अभी वक्त है, लेकिन सियासी दलों के बीच अभी से ही गतिविधियां तेज हो गई हैं. जैसे जैसे 2024 का चुनाव करीब आ रहा है, पीएम मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए मंच तैयार हो रहा है. हरियाणा के फतेहाबाद (Fatehabad) में 17 विपक्षी दलों का आज जमघट लगने जा रहा है. बीजेपी (BJP) विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है. INLD ने रैली में विपक्ष के 25 बड़े नेताओं को न्योता भेजा है.
पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के जन्मदिन को इस मौके के लिए चुना गया है, जिसमें हरियाणा के फतेहाबाद में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने विपक्ष को एक साथ लाने के लिए मंच सजाया है.
सियासत का सुपर संडे
हरियाणा में BJP विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश की जाएगी. यही नहीं, कांग्रेस से अलग तीसरा मोर्चा बनाने की इंडियन नेशनल लोकदल तैयारी में है, जिसके लिए INLD ने रैली में विपक्ष के 25 बड़े नेताओं को न्योता भेजा है. इनमें 12 ऐसी पार्टियां हैं जो कभी NDA का हिस्सा रही थीं. विपक्ष के इस मंच को बीजेपी और कांग्रेस के विरोधी के तौर पर देखा जा रहा है, इसीलिए इंडियन नेशनल लोकदल ने कांग्रेस, सीपीआई, आम आदमी पार्टी और BSP को मंच साझा करने का न्योता नहीं भेजा है.
हरियाणा में किन-किन नेताओं का जमावड़ा
हरियाणा में आयोजित इस रैला में कई नेताओं के आने पुष्टि हो गई है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, डीएमके सांसद कनिमोझी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला, टीएमसी के सुखेंदु शेखर रॉय, शिवसेना के उद्धव गुट से विनायक राउत और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी रैली में शामिल होंगे. वहीं, दावा किया जा रहा है कि समजावादी पार्टी के अखिलेश यादव भी विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन में शामिल होंगे.
नीतीश-लालू करेंगे सोनिया गांधी से मुलाकात
बीजेपी और कांग्रेस से अलग फतेहाबाद में तीसरे मोर्चे के लिए मंच सज रहा है तो दूसरी तरफ आज नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) पीएम मोदी के खिलाफ 2024 की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि दोनों नेता बीजेपी को घेरने के लिए हर रास्ते को टटोलने की कोशिश कर रहे हैं. पीएम मोदी के विरोध में ममता बनर्जी से शुरू हुआ विपक्ष को जोड़ने का सिलिसला अब तक कई उतार-चढ़ाव से गुजर चुका है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई. फिलहाल अब सबकी निगाहें फतेहाबाद में जुट रहे विपक्ष के नेताओं पर टिकी हैं.
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