Loksabha Election: बंगाल से बिहार तक 2,3,4 के फेर में उलझी कांग्रेस, डिमांड-ऑफर में बड़ा अंतर, कितनी कठिन है मिशन 2024 की डगर?
कांग्रेस सीट शेयरिंग को लेकर विपक्षी दलों से बातचीत कर रही है. लेकिन जिस तरह से क्षेत्रीय दलों ने सीटों को लेकर अपनी मांग रखी है, वह कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित होता जा रहा है.
INDIA bloc seat sharing: लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बने 26 विपक्षी पार्टियों के 'INDIA' गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है. विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की 13 राज्यों में बीजेपी से सीधी लड़ाई है. पार्टी 543 में से 255 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. हालांकि, पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बिहार में कांग्रेस की डगर आसान नजर नहीं आ रही, क्योंकि ये वो राज्य हैं जहां दूसरी विपक्षी पार्टियां कांग्रेस की डिमांड के मुताबिक, सीटें ऑफर नहीं कर रही हैं.
बंगाल में कांग्रेस 6-10 सीटें मांग रही, TMC सिर्फ 2 सीटें ऑफर कर रही
कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी परेशानी पश्चिम बंगाल में उभरकर सामने आई है. ममता साफ कर चुकी हैं कि वे राज्य में बीजेपी का मुकाबला अकेले करेंगी. 'INDIA' गठबंधन के तहत सीट देने की बात भी हुई, तो TMC की ओर से सिर्फ 2 सीटें ऑफर की गईं. जबकि कांग्रेस की डिमांड 6 से 10 सीटों की है. TMC के ऑफर के बाद से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी लगातार ममता सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि ममता बनर्जी का असली मकसद सबको पता चल गया. ये कह रहे हैं कि दो सीटें देंगे. ये दोनों सीटें हम ममता बनर्जी और बीजेपी को हराकर जीते थे. ऐसे में नया क्या मिल रहा है. कांग्रेस अपने दम पर इन दो सीटों पर लड़ेगी. इससे ज्यादा सीटों पर हम लड़ने का दम रखते हैं. दरअसल, 2019 में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस 2 लोकसभा सीटें जीती थी.
दिल्ली में AAP ने 3 सीटें की ऑफर
राजधानी दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में आम आदमी पार्टी ने 3 सीटें कांग्रेस को ऑफर की हैं. सत्ताधारी पार्टी होने के नाते AAP ने चार सीटों को अपने पास रखा है. 2019 लोकसभा चुनाव में सभी 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. दिल्ली में तीन सीटें देकर, AAP कांग्रेस गुजरात, हरियाणा और गोवा में उदारवादी रवैये की उम्मीद कर रही है. हालांकि, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी कि दिल्ली में गठबंधन होगा या नहीं.
पंजाब में भी कुछ ऐसा ही हाल
सीमावर्ती पंजाब का हाल भी दिल्ली की तरह ही है. कांग्रेस यहां की 13 में 6 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरना चाहती है. हालांकि पंजाब का मामला काफी पेचीदा दिख रहा है, क्योंकि यहां कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है और आम आदमी पार्टी सत्ता में है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने समाचार एएनआई को बताया, वे राज्य की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
उद्धव 23 सीटों की मांग पर अड़े
महाराष्ट्र में भी तस्वीर कुछ साफ होती नजर नहीं आ रही है. यहां की 48 सीटों में से उद्धव खेमा 23 सीटों की मांग कर रहा है. इसके पीछे उद्धव गुट 2019 के चुनाव नतीजों का हवाला दे रहा है. तब शिवसेना (अविभाजित) ने 23 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में बाकी 25 सीटों का बंटवारा एनसीपी, कांग्रेस और अन्य दलों के बीच में होगा. जबकि कांग्रेस महाराष्ट्र में अकेले 16-20 सीटें चाहती है.
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने 23 सीटों की मांग रखते हुए ये तक कह दिया कि कांग्रेस को महाराष्ट्र में शून्य से शुरुआत करनी है. दरअसल, 2019 में कांग्रेस महाराष्ट्र में सिर्फ 1 सीट जीती थी. हालांकि, स्पीकर ने अब शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है और उद्धव गुट जिन 18 जीती हुईं सीटों का दावा कर रहा है, वे बगावत से पहले की हैं. ऐसे में सीट शेयरिंग की बातचीत के दौरान उद्धव गुट का रुख अब नर्म पड़ सकता है.
बिहार में कांग्रेस की 10 सीटों पर नजर
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में नीतीश की पार्टी जदयू 16-17 सीटें मांग रही है, वहीं राजद 17 सीटें चाहती है. ऐसे में बिहार में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के लिए सिर्फ 6-7 सीटें रह जाती हैं. कांग्रेस दूसरी ओर 10 सीटों की मांग कर रही है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सीटों की कम हिस्सेदारी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, अगर कांग्रेस केवल चार सीटों पर लड़ती है तो समग्र रूप से महागठबंधन को नुकसान होगा.
गुजरात में कांग्रेस आगे
सीट शेयरिंग की बातचीत में गुजरात में कांग्रेस आगे नजर आ रही है. AAP ने कथित तौर पर एक सीट मांगी है. 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो 26 सीटों वाले गुजरात में बीजेपी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी.
हरियाणा, गोवा में भी सीटें मांग रही AAP
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं. कांग्रेस दावा कर रही है कि राज्य में वह हिमाचल की तरह प्रदर्शन करेगी और सत्ता हासिल करेगी. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के इन दावों के बीच AAP ने आधी यानी 5 सीटों की मांग रखी है. हालांकि, कांग्रेस को यह मांग पसंद नहीं आई है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में AAP के खराब प्रदर्शन को देखते हुए उसे सीटें देने के लिए बहुत उत्सुक नहीं है. इस बीच, दोनों पार्टियां सीट बंटवारे पर चुप्पी साधे हुए हैं, उनके नेताओं का कहना है कि इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक शुक्रवार को होने की संभावना है.
उधर, 2 लोकसभा सीटों वाले गोवा में आम आदमी पार्टी ने 1 सीट की मांग की है. 2019 लोकसभा चुनाव में यहां एक सीट बीजेपी और एक सीट कांग्रेस ने जीती थी. इस मांग के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गुरुवार को 2 दिन के दौरे पर गोवा जा रहे हैं. यहां वे लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेंगे. आप ने विधानसभा चुनाव में 2 सीटों पर जीत हासिल की है. पार्टी को विधानसभा चुनाव में 6.77% वोट मिले. हालांकि, कांग्रेस ने दिल्ली को छोड़कर अभी किसी भी राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर आम आदमी पार्टी से बात नहीं की है.